Monday, December 9, 2024
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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम ?

रायपुर. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आज अपने छत्तीसगढ़ दौरे से लौटते समय रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से प्रदेश से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वे छत्तीसगढ़ के कवर्धा और कांकेर दौरे पर गए हुए थे. उन्होंने बताया कि हमने कबीरधाम (कवर्धा) में हनुमान मंदिर का भूमि पूजन किया और उसके बाद हम कांकेर भी गए थे. उन्होंने बताया कि वे बहुत ही जल्द बस्तर में धर्मांतरण को रोकने के लिए और लोगों को सनातन के प्रति जागरूक करने, एकजुट करने के लिए, हिंदुत्व को जगाने के लिए आएंगे… जिससे मानवता पर कार्य किया जा सके, शिक्षा पर कार्य किया जा सके.

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पूर्व में बहुत धर्मांतरण हो चुके हैं. उन्हें घर वापसी करा रहे हैं. जैसे कल कांकेर में 11 लोगों की घर वापसी कराए हैं. उन्होंने बताया कि वहां जब पूछा गया कि धर्म परिवर्तन कब हुआ था ? तो लोगों ने बताया 2019, 2021, 2020, में और कुछ के तो बहुत पहले ही धर्मांतरण हो चुके हैं. वर्तमान में यह हो रहा है या नहीं, ये हम नहीं देखे हैं.

मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम..? : पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

वहीं महाकुंभ में गैर हिन्दु दुकानदारों को वर्जित करने की साधुओं की मांग पर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जैसे इनका कोई आयोजन होता है, इनका मक्का मदीना है. वहां सनातनी हिंदुओं की दुकान नहीं होता है. वहां हिन्दुओं लोगों को जाने नहीं मिलता, वहां पर हमने यह देखा है. उन्होंने कहा कि हम आपको वीडियो दिखाएंगे, वहां भगवा रंग के कपड़े पहनकर भी मक्का मदीना में प्रवेश नहीं कर सकते, वहां इन पर रोक है. तो फिर मेरे अंगने में उनका क्या काम..?

उन्होंने कहा कि हमारे सनातन धर्म का महाकुंभ हमारे संतो की महिमा त्रिवेणी संगम की महिमा हम सब जानते हैं. हमारे शंकराचार्य अखाड़ा परिषद जो निर्णय लेंगे, हम उसमें सहमत हैं. अगर वे यह रोक लगा रहे हैं…तो यह सही है. हम मुसलमान के खिलाफ नहीं हैं. हम केवल अमानवीय कृत, थूक कांड करने वाले, पेशाब कांड करने वाले, मानसिकता के खिलाफ हैं.

गुरुकुल पद्धति की शिक्षा पर दिया जोर

बस्तर में बढ़ते अपराधों के पीछे शिक्षा के अभाव को एक बड़ा कारण बताते हुए, शास्त्री ने कहा कि शिक्षा का विकास प्रदेश और देश के विकास में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि “गुरुकुल पद्धति” की शिक्षा को अपनाना चाहिए, जिसमें “अहिंसा परमो धर्मः” का पाठ पढ़ाने पर जोर दिया गया है.

योजनाबद्ध रूप से काम कर रही विदेशी ताकतें

धीरेंद्र शास्त्री ने आरोप लगाया कि धर्मांतरण के नाम पर आदिवासी संस्कृति को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जशपुर में एशिया के सबसे बड़े चर्च का उदाहरण देते हुए बताया कि विदेशी ताकतें योजनाबद्ध तरीके से धर्मांतरण में लगी हुई हैं.

उन्होंने कहा कि हम उनके खिलाफ नहीं हैं. लेकिन, ये जो लालच देकर भोले-भाले आदिवासी वनांचल में रहने वाले लोगों का धर्मांतरण करते हैं, हम इसके खिलाफ हैं. क्योंकि सबको स्वतंत्रता का अधिकार है. आप लालच देकर धर्मांतरण नहीं कर सकते. कानून संविधान के अनुसार यह अपराध है. इसलिए हम घर वापसी कराएंगे.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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