पत्थलगांव
स्कूलों में जैसे ही ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित हुई बच्चों की उत्सुकता को देखते हुए 10 दिवसीय समरकैंप का आयोजन स्कूल की प्रधानपाठिक संतोषी डनसेना ने कराया
, जिसमें बच्चों को भरपूर मस्ती , विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक और ज्ञानवर्धक गतिविधियां ,खेल,नृत्य,गीत संगीत,आर्ट कुकिंग जैसी गतिविधियां शामिल थी जिसमे शाला समिति और माताओं द्वारा भी बीच बीच में शामिल होकर सहयोग प्रदान किया गया , ऐसे कार्यक्रम बड़ी कक्षाओं में या प्रायवेट स्कूलों में ही संचालित किया जाता है जब अपने स्कूल में यह सब मिला तो इससे बच्चे बहुत ही अधिक उत्साहित लग रहे थे, और ये जरूरी नहीं कि बच्चे स्कूल में ही सिखते हैं घर पर यह सब सिखने के लिए प्रेरित किया गया जरूरत पड़ने पर बड़े भाई बहन,माता पिता, दोस्तों से और फोन के माध्यम से सहायता लेकर सिखने को बताया गया है इस कार्यक्रम का आयोजन FlN और नवाजतन के उद्देश्य को ध्यान में रखकर भी किया गया , नवाजतन के तहत बच्चों को स्वयं से सीखने के लिए प्रेरित भी किया जाता है स्वयं से भी आप सीख सकते हो यह आत्मविश्वास उनमें लाने की कोशिश की गई बहुत सारी गतिविधियों के माध्यम से।
जैसे – मिट्टी के खिलौने बच्चों ने स्वयं से बनाए, कागज के खिलौने, चाय,पकौड़े, रंगोली गुड़िया, गत्ते और बांस का घर ये सब बच्चों ने स्वयं से बनाया इन्हीं का उदाहरण देकर बताया गया कि जब ये सब आप अपने से कर सकते हैं तो पढ़ाई भी कर सकते हैं।
सभी बच्चों को अगले कक्षा की पाठ्य-पुस्तक भी बच्चों से उनकी पुरानी पुस्तकें लेकर उपलब्ध कराई गई। जिससे बच्चे ग्रीष्मकालीन अवकाश में खेल के साथ साथ शिक्षा से भी जुड़े रहें।
जितने पालकों के पास एंड्रॉयड फोन है। उनको व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किया गया है और यह बताया गया है कोई भी समस्या आने पर ग्रुप के माध्यम से हल किया जा सकता है
पालकों ने कृषि के औजार भी खिलौने के रूप में बनाकर बच्चों को भेट किये और उसके उपयोग के बारे में भी जानकारी दी गई।
समर कैंप के समापन के दौरान पालकों और माताओं की उपस्थिति भी सराहनीय रही।
सभी ने कार्यक्रम भी प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम होते रहने चाहिये।
समापन के दौरान जादुई पिटारा का भी प्रदर्शन किया गया उसमें रखी सामग्री पर भी चर्चा हुई और इ- जादुई पिटारा के बारे में भी जानकारी दी गई इसे डाउनलोड कर कैसे सीख सकते हैं बच्चे इस बारे में भी बताया गया और सभी से एप्प डाउनलोड करने का आग्रह किया गया।
समापन के दौरान ही बच्चों को प्रगति पत्रक भी दिया गया, बच्चे बहुत उत्साहित थे, कार्यक्रम में बच्चे, पालक, शिक्षक माताओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सभी का विषेश योगदान रहा। अंत में सभी की उपस्थिति और सहयोग के लिए आभार धन्यवाद प्रकट किया गया