Monday, December 9, 2024
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कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने पूरा किया पांच वर्ष का कार्यकाल, यूटीडी की स्थापना की घोषणा को बताई बड़ी उपलब्धि..

दुर्ग। हेमंचद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने 12 सितंबर को अपने पांच साल का कार्यकाल पूर्ण कर लिया. इस अवसर पर उन्होंने कार्यकाल को लेकर संतुष्टि जताई. इसके साथ ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा विश्वविद्यालय में यूटीडी की स्थापना की घोषणा को अपने कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक करार दिया. 

डॉ. अरुणा पल्टा ने अपने पांच साल के कार्यकाल को लेकर कहा कि इस अवधि में मैंने हेमंचद यादव विश्वविद्यालय को यूजीसी, राज्य शासन, राजभवन के नियमों का पूर्णतः पालन करते हुए एक नई पहचान दिलाने का प्रयास किया. इस दौरान राजभवन, छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग, जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के साथ छात्र संगठनों का सहयोग मिला.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा 158 महाविद्यालयों के प्राचार्यों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं ने भी विश्वविद्यालय को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाये रखने में हर संभव योगदान दिया. यही नहीं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद् एवं विद्या परिषद् के सदस्यों का अभूतपूर्व सहयोग मिला है.

डॉ. पल्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा हेमंचद यादव विश्वविद्यालय में यूटीडी की स्थापना की घोषणा उनके कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है. तकनीकी कारणों से विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन भवन का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया, लेकिन आशा है कि आने वाले एक-दो महीने में विश्वविद्यालय अपने नये भवन में संचालित होने लगेगा.

अपने कार्यकाल का उल्लेख करते हुए डॉ. पल्टा ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय को सदैव ’’छात्र केन्द्रित’’ बनाये रखने का प्रयास किया. विद्यार्थियों का हित उनकी प्रथम प्राथमिकता रहीं. विद्यार्थियों के हित में विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर की पांच संस्थाओं के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किये गये है. कोरोना काल में भी विश्वविद्यालय में अनेक ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स तथा आमंत्रित व्याख्यान आयोजित कर छात्रों की पढ़ाई को सर्वोपरि रखा. विगत दो वर्षों से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय तथा जोनल युवा उत्सव में प्रथम, द्वितीय पुरस्कार हासिल किये. एनएसएस, एनसीसी तथा खेलकूद में इस विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी दक्षता सिद्ध की है.

डॉ. पल्टा ने बताया कि उनके कार्यकाल में कोरोना समयावधि के पश्चात् लगातार दो दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किये गये. इनमें कुल 80 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा सैंकड़ों विद्यार्थियों को प्रावीण्य सूची में सर्वोच्च स्थान करने पर स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. डॉ. पल्टा ने बताया कि वर्तमान में लगभग दो लाख नियमित और प्राइवेट छात्र संख्या वाले इस विश्वविद्यालय में 19 विषयों में 1164 शोधार्थी पीएचडी के लिए पंजीकृत हैं. इस विश्वविद्यालय में 158 महाविद्यालय सात जिलों में स्थित है.

उन्होंने कहा कि मैंने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के बीच सौहाद्रपूर्ण संबंध स्थापित रखने का हर संभव प्रयास किया. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष जारी होने वाले अकादमिक कैलेण्डर का पूर्ण रूप से पालन करते हुए समय पर परीक्षाओं का आयोजन एवं परीक्षा परिणामों की घोषणा ने इस विश्वविद्यालय को अगल पहचान दिलाई है. छात्र-छात्राओं से जुडे़ विभिन्न कार्य जैसे डिग्री, माईग्रेशन, पात्रता प्रमाणपत्र, प्रवेश एवं परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन जैसे सभी चीजों को दूरस्थ अंचल के विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन किया गया. विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की समस्याओं के निराकरण हेतु छात्र सुविधा काउंटर भी स्थापित किया गया है.

डॉ. पल्टा ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में सांप्रदायिक सौहाद्र बनाये रखना उनकी पहली प्राथमिकता थी. इस हेतु उन्होंने विश्वविद्यालय में सर्वधर्म त्योहार मनाने, जन्मदिन मनाने की परंपरा की शुरुआत की. विश्वविद्यालय में कार्यरत् महिलाओं को भी अनेक अवसर पर पुरस्कार एवं उपहार प्रदान कर उनका आत्मविष्वास बढ़ाने का प्रयास उन्होंने किया. अपने पांच वर्षों के कार्यकाल से पूर्ण रूप से संतुष्ट डॉ. अरूणा पल्टा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय और उन्नति करे, यही उनकी कामना है.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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