Thursday, September 12, 2024
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हाईकोर्ट ने बिन बिहाई मां से जन्म हुए बच्चे को उसके जन्म के 29 साल बाद उसका हक दिलाया

हाईकोर्ट ने बिन बिहाई मां से जन्म हुए बच्चे को उसके जन्म के 29 साल बाद उसका हक दिलाया है. कोर्ट ने वैध पुत्र मानते हुए जैविक पिता से सभी लाभ प्राप्त करने का हकदार बताया है. हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के  निर्णय को कानून के अनुरूप न होने के कारण खारिज कर दिया है.

दरअसल, सूरजपुर जिले में रहने वाले युवक ने अपने जैविक पिता से भरण पोषण व उनके सम्पति में हक दिलाने परिवार न्यायालय में परिवाद लगाया था. जहां सुनवाई के बाद मामला खारिज होने पर युवक ने हाई कोर्ट में अपील की. जिसमें कहा गया कि उसके जैविक पिता और मां पड़ोस में रहते थे, दोनों के प्रेम संबंध से उसकी मां गर्भवती हो गई। पिता ने गर्भपात कराने कहा, लेकिन मां ने इनकार करते हुए मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसके बाद नवंबर 1995 को लड़के का जन्म हुआ. वह अपनी मां के साथ रहा. मां ने स्वयं और बच्चे के भरण पोषण के लिए परिवार न्यायालय में प्रकरण लगाया. परिवार न्यायालय ने संपत्ति के अधिकारों की घोषणा वैवाहिक पक्ष के दायरे में न होने के कारण इसे बनाए रखने योग्य नहीं माना था. इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की.

इधर अप्रैल, 2017 में जब युवक बीमार पड़ गया. वित्तीय संकट के कारण वह जैविक पिता के घर गया और इलाज के लिए आर्थिक मदद मांगी तो उसने मना कर दिया. इससे  नाराज होकर युवक ने पहले परिवार न्यायालय में सम्पत्ति का दावा पेश किया, जिसे पारिवारिक न्यायालय ने खारिज कर दिया, तो हाईकोर्ट में इसकी अपील की गई. जहां जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने परिवार न्यायालय द्वारा दर्ज निष्कर्ष को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने युवक को दोनों का वैध पुत्र घोषित किया. साथ ही उसे पिता से मिलने वाले सभी लाभों का हकदार घोषित किया है. अपीलकर्ता युवक का जन्म 1995 में हुआ था, वह करीब 29 वर्ष का है. युवक को लंबी लड़ाई के बाद हाईकोर्ट से उसका हक मिला है.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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