Wednesday, November 13, 2024
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सुखतेल नदी पर जर्जर पुलिया के चलते आवाजाही की समस्या को लेकर सरपंच और ग्रामीण भूखहड़ताल पर

देवभोग. छत्तीसगढ़ के देवभोग के अमलीपदर में बहने वाली सुखतेल नदी पर जर्जर पुलिया के चलते आवाजाही की समस्या को लेकर सरपंच और ग्रामीण भूखहड़ताल पर हैं. वहीं उनके प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन हरकत में आई और पुल से डायवर्टेड सड़क मार्ग बनना भी शुरू हो गया. लेकिन इसके बाद भी वे अपनी भूख हड़ताल जारी रखने पर अड़े हुए हैं.दरअसल, जर्जर पुलिया को उच्च स्तर का पुल बनाने के लिए दो साल से 7 करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट अधर पर लटका हुआ है. जर्जर पुलिया पर मजबूरी में आवाजाही करने वाले कई लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं. इस मामले में बीते दिन यानि 6 अगस्त को क्षेत्रीय विधायक जनक ध्रुव सैकड़ों ग्रामीणों के साथ नदी तट पर एकत्र हुए थे. जिला प्रशासन के निर्देश पर सेतु विभाग के एसडीओ भी पहुंचे. इस दौरान बंद पड़े जर्जर पुलिया के 3 फिट नीचे बना दिए गए अनुपयोगी डायवर्शन सड़क को लेकर ग्रामीण और अफसर के बीच तीखी बहस हुई. मौके पर पहुंचे एसडीओ ने आक्रोश के बावजूद फंड का अभाव बताकर डायवर्शन मार्ग बनाने में अक्षमता जाहिर कर दिया था. लेकिन आज सुबह से काम शुरू कर दिया गया है.

ग्रामीणों ने प्रदर्शन जारी रखने की बताई ये वजह:

प्रदर्शन कर रहे सरपंच सेवन पुजारी ने सड़क मार्ग पर कार्य शुरू करने के बाद भी प्रदर्शन जारी रखने की वजह बताते हुए कहा कि प्रशासन अक्सर आश्वासन देकर हमेशा छलावा करती है. इसलिए जब तक काम पूरा नहीं होता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं दूसरी तरफ पुलिस और राजस्व के अधिकारी उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं. लेकिन काम पूरा कराने के जिद्द में लोगों ने अब भी प्रदर्शन जारी रखा हुआ है.

बता दें इसी पुलिया पर डायवर्शन सड़क की मांग को लेकर सात दिन पहले अमलीपदर सरपंच सेवन सिंह पुजारी ने डायवर्शन मार्ग नहीं बनने पर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल में बैठने की चेतावनी दी थी. जिसका असर आज देखने को मिल रहा है. आवाजाही के लिए डायवर्टेड रोड का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है और सेतु शाखा के एसडीओ संतोष कुमार पंडोले मौके पर खड़े होकर काम करवा रहे हैं.

दो साल में पूरा नहीं हुआ पूल

काफी कोशिशों के बाद अमलीपदर पुलिया पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 31 मार्च 2021 को 7 करोड़ 5 लाख की मंजूरी मिली थी. राजधानी के ठेका कम्पनी ए जी एसोसिएट्स के साथ पुल निर्माण के लिए अनुबंध हुआ और 6 मई 2022 को कार्य आदेश जारी किया गया. इसके बाद 150 मीटर लंबे उच्च स्तरीय पुल में 5 पिलर बनाए जाने थे, लेकिन एक भी पिलर नहीं बनाया जा सका.

इस मामले में विभाग ने स्वीकारा कि ठेका के कंपनी के पास पर्याप्त संसाधन नहीं था, जिसके कारण नहीं बना सका. बार एक्सटेंशन मिलने के बावजुद ठेकेदार 27 प्रतिशत काम ही कर सका. इसके चलते विभाग ने ठेकेदार पर 6 प्रतिशत पेनाल्टी भी लगाया और टेंडर को जून माह में निरस्त कर, 19 जुलाई को नए टेंडर के लिए एनआईटी को भेज दिया.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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