Thursday, September 12, 2024
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जैन संत शीतल मुनि ने 52 वर्षों पहले शायन मुद्रा त्याग दी है, यानी वे पिछले 52 वर्षों से लेटे ही नहीं है. वे महज 4-6 घंटे की नींद बैठे-बैठे ही लेते है

रायपुर. चातुर्मास करने जैन संत शीतल मुनि इन दिनों रायपुर आए हुए है. लेकिन इनका जीवन और जैन मुनि द्वारा त्यागी गई शयन मुद्रा रायपुरवासियों के लिए कौतूहल का विषय बन गई है. जैन संत शीतल मुनि ने 52 वर्षों पहले शायन मुद्रा त्याग दी है, यानी वे पिछले 52 वर्षों से लेटे ही नहीं है. वे महज 4-6 घंटे की नींद बैठे-बैठे ही लेते है.

 1948 में जोधपुर में जन्मे शीतल मुनि ने 1970 यानी 22 वर्ष की उम्र में गुरु हस्तीमन से जैन दीक्षा स्वीकार की थी. दीक्षा के 2 साल बाद अपने गुरु आचार्य जयमल के जीवनी पढ़ते हुए उन्हें कठोर तपस्या की प्रेरणा मिली. इसके बाद से उन्होंने शायन मुद्रा त्याग दी.

मौन साधक है जैन संत शीतल मुनि

 शीतल मुनि  हफ्ते में दो दिन पूर्ण रूप से मौन रहते हैं. एवं हर दिन 5 घंटे मौन रहते हैं.  उन्होंने 101 दिन, 61 दिन, 54 दिन ,44 दिन, 27 दिन की अखंड मौन साधना भी की है.

दृढ़ इच्छाशक्ति से सब संभव

शीतल मुनि ने बातचीत के दौरान बताया कि  लेटकर सोने से आराम की नींद आती है और बैठकर या खड़े होकर सोने से कम आराम की नींद, इससे अधिक इस तपस्या में मुझे कोई कठिनाई महसूस नहीं होती.  अगर व्यक्ति में दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कोई भी साधना असंभव नहीं है.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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