Tuesday, December 10, 2024
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जल एवं प्राकृतिक संसाधन संरक्षण कार्यशाला में अधिकारियों ने सीखे जल संरक्षण और संवर्धन के तरीके,स्व-सहायता समूहों, ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, महिलाओं के साथ जल संवाद कर गांव-गांव को जल संरक्षण से जोड़े-कलेक्टर श्री व्यास

जशपुरनगर 22 नवम्बर 2024/कलेक्टर रोहित व्यास की उपस्थिति में जिले में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को जिला प्रशासन एवं ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया टीआरआई के सहयोग से जिला पंचायत सभाकक्ष में जल एवं प्राकृतिक संसाधन संरक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार सहित जल संसाधन विभाग, उद्यानिकी विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, जनपद पंचायत, कृषि विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशुधन विभाग सहित सभी जल संरक्षण से जुड़े विभाग उपस्थित थे। 

         इस अवसर पर ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया टीआरआई के विषय विशेषज्ञों आशुतोष नंदा एवं पलाश अग्रवाल के द्वारा जल संवर्धन एवं संरक्षण पर चर्चा की गई। जिसमें जल संकट वाले क्षेत्रों में जल संवर्धन तथा सूखे की समस्या से निपटने के लिए जागरूकता, कम्युनिटी सर्विस, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण, कन्टूर बंडलिंग, रन ऑफ वाटर को कम करना, डबरी निर्माण द्वारा संधारणीय कृषि, जल निकास पर नियंत्रण आदि के संबंध अपने अनुभव साझा किए। इसमें जल संरक्षण के लिए जल के साथ मृदा संरक्षण, वन संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण पर भी जोर दिया गया। कार्यशाला का उद्देश्य जिले में जल और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर चर्चा करना था।  

          कलेक्टर ने कहा कि सभी विभागों को एक साथ मिलकर संपूर्णता के साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हुए जल संरक्षण के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल के संरक्षण हेतु सरकार, समुदाय, किसानों, जनप्रतिनिधियों को साथ में लेकर जल प्रबंधन के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम जीआईएस के द्वारा मैप आधारित डेटा का प्रयोग करते हुए व्यवहारिक उपायों पर कार्य करने की जरूरत है। इसके लिए गांव गांव में स्व सहायता समूहों, ग्रामीण जनप्रतिनिधियों, ग्रामीण महिलाओं के साथ जल संवाद कर गांव गांव को जल संरक्षण से जोड़ने को कहा।

            जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि जिले में कुछ ग्रामों को जल संरक्षण से जोड़ कर उन्हें आदर्श ग्रामों के रूप में विकसित किया जाए। जहां पर जल संवर्धन के साथ वाटर हार्वेस्टिंग और जल संरक्षण की मिशाल बनेंगे। इन गांवों के आधार पर अन्य ग्रामों को भी विकसित करेंगे।

एकीकृत प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन पर जोर

           कार्यशाला में ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया के विशेषज्ञ सीनियर प्रैक्टिश्नर आशुतोष नंदा और प्रैक्टिश्नर पलाश अग्रवाल ने एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भूमि, जल, वन, और जैव विविधता का एकीकृत प्रबंधन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का सबसे उपयुक्त तरीका है।  

जशपुर का अभियान ‘जल-बचाव, धरती-संवारो

          कार्यशाला में जल और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने के लिए ग्राम स्तर पर ‘जल-बचाव, धरती-संवारो नामक जागरूकता अभियान शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया। इस अभियान के तहत ग्रामीणों को तालाब और डबरी निर्माण, जल संचयन तकनीकों, और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के उपायों के लिए प्रेरित किया जाएगा। कार्यशाला में ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया की जशपुर टीम की दिव्या प्रियदर्शनी एवं अरुण सिंह भी उपस्थित रहे।

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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