अनुविभागीय अधिकारी वि/ यां को खनिज न्यास मद से 138974415 रु नलकूप मशीनरी और लाइट हेतु प्रदान किया गया था। इस राशि के दुरुपयोग को लेकर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा एक समिति बनाकर जांच करवाया गया था जांच में स्पष्ट तौर पर 3,48,27,358 रु का घोटाला सामने आया था, लेकिन मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
अनुविभागीय अधिकारी वि/यां संभाग नल कूप खनन विभाग द्वारा खनिज न्यास मद से प्राप्त राशि का जमकर बंदरबाट किया गया है। अधिकारी द्वारा करोड़ों रुपए का कार्य बिना निविदा के कोटेशन के आधार पर करवा लिया इतना ही नहीं अधिकारियों के द्वारा खनिज न्यास मद की भारी भरकम राशि जिसे विकासोन्मुखी कार्य में खर्च करना था अपनी जेब भरने में लगाया। इतना ही नहीं विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा ठेकेदार से सांठगांठ कर कोटेशन मंगवा कर बाजार दर से 30 प्रतिशत से अधिक की दर पर काम करवाया गया। कार्य में गुणवत्ता की जगह घटिया कार्य कर घटिया उपकरणों का उपयोग किया गया जो किसी काम का नहीं है।
गुणवत्ता विहीन कराए जाने की शिकायत कलेक्टर को मिली थी इस पर तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच करवाया गया था। जांच में स्पष्ट तौर पर करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया था। जांच प्रतिवेदन के आधार उप संभाग नल कूप खनन विभाग द्वारा 3 करोड़ 48लाख 27 हजार 358 रुपए का घोटाला पाया गया था। तत्कालीन कलेक्टर के जाने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसे लेकर आम जनता के सेवक बजरंग अग्रवाल द्वारा मांग की गई है कि प्रस्तुत जांच रिपोर्ट प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित दोषियों के खिलाफ भरष्टाचार के मामले में एफआईआर करवाने की मांग की गई है।