अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंंत्री स्व. बिसाहूदास की जयंती पर विशेष

स्व. बिसाहू दास महंत जी का जन्म (1 अप्रैल 1924 को सारा गाँव मे हुआ,कालेज में अध्धयन रत रहते 1942 से 1947 के बीच स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे,कबीर पंथी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बावजूद गांधी जी के विचारों से प्रभावित रहे,वर्ष 1952 में बाराद्वार विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ कर जीत हासिल की ओर लगातार 1957 एवम 1962 का चुनाव नवागढ़ तथा 1967,1972,1977 का विधानसभा चुनाव चाम्पा विधानसभा से निर्वाचित हुए,
1952 से जीतना शुरू करने के बाद से वे कभी चुनाव नहीं हारे, वे अपनी मृत्यु तक लगातार छह बार चुने गए,

जनप्रिय राजनेता थे। चार बार मध्यप्रदेश में कैबिनेट मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उनके ऐतिहासिक कार्य निर्वहन की क्षमता को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्हें छत्तीसगढ़ अस्मिता का प्रतीक माना जाता है,कबीर पंथी होने के साथ-साथ गांधीवादी विचारक थे। सादा जीवन उच्च विचार की गरिमा को हर हमेशा जीवन की उच्चतम मूल्य मानते थे।
सरलता, सहजता व मिलन सरिता के वे एक जीवंत प्रतिमूर्ति थे।
बांगो परियोजना उनकी परिकल्पना थी,जो इस क्षेत्र की जीवनदायिनी है
पृथक छत्तीसगढ़ की कल्पना, छत्तीसगढ़ी भाषा की कल्पना, हंसती खिलखिलाती संस्कृति का सपना देखा था।
उनका जन्म छत्तीसगढ़ के चांपा जिले के सारागांव गांव में हुआ था। वे एक छोटे किसान परिवार में जन्मे थे; किसी को उम्मीद नहीं थी कि वे राजनीति में आ सकते हैं। बाद में न केवल वे राजनीति में आए बल्कि चुनाव जीते और भोपाल राज्य और बाद में मध्य प्रदेश के राज्य चुनावों में कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
स्वतंत्रता संग्राम और शिक्षा
1942 से 1947 के बीच अपने कॉलेज जीवन में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और इसके कारण सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की और उनकी छात्रवृत्ति भी अस्वीकार कर दी।
परिवार
स्व बिसाहूदास महंत जी के 2 पुत्र 4 पुत्रियां ,2 पुत्र श्री चरणदास एवम राजेश महंत है, श्री चरणदास महंत ने राजनैतिक क्षेत्र में प्रवेश किया और मप्र सरकार में मंत्री सहित छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष,केंद सरकार में मंत्री,विधानसभा अध्यक्ष,एवम वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष के पद पर आशिन है,छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक लोकप्रिय जननायक के रूप में उन्हें लोग प्यार से चरण भैया के नाम से संबोधित करते है तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमतीं ज्योत्स्ना महंत भी लोकसभा सांसद है।
स्व बिसाहूदास महंत जी की जयंती पर शत शत नमन
संपादक