जशपुर :- भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में “माटी के वीर” पदयात्रा का भव्य आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, और सर्गुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं पथलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय की उपस्थिति में हुआ। जनजातीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर और उनके नायकों के सम्मान में आयोजित इस पदयात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा।
जनजातीय धरोहर की अनूठी प्रदर्शनी
कार्यक्रम में जनजातीय नायकों की जीवन गाथाओं, उनकी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं, पारंपरिक आभूषणों, हस्तशिल्प और व्यंजनों पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई। गोमती साय ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए जनजातीय संस्कृति की विरासत की सराहना की। इस प्रदर्शनी ने न केवल जनजातीय समुदाय के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित किया, बल्कि उनकी समृद्ध परंपराओं और रीति-रिवाजों को भी उजागर किया।
गम्हरिया अघोर आश्रम में आशीर्वाद
पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, और विधायक गोमती साय ने गम्हरिया अघोर आश्रम का दौरा किया। संतों से आशीर्वाद प्राप्त कर उन्होंने पदयात्रा को और आगे बढ़ाया। इस मौके पर जनजातीय समाज ने पारंपरिक गीतों और नृत्यों से यात्रा का स्वागत किया, जिससे पूरे माहौल में उत्साह और उमंग का माहौल बन गया
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खेल प्रतिभाओं का सम्मान
कार्यक्रम में खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जनजातीय युवाओं को सम्मानित किया गया। विधायक गोमती साय ने युवा खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये युवा खिलाड़ी आने वाले समय में क्षेत्र का नाम रौशन करेंगे और उन्हें हरसंभव प्रोत्साहन दिया जाएगा।
गणमान्य नेताओं की गरिमामयी उपस्थिति
इस भव्य आयोजन में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, रामविचार नेताम, टंकराम वर्मा, ओ.पी. चौधरी, श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, और कई अन्य सांसद तथा विधायक भी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया, जिससे जनजातीय समुदाय में एकजुटता और गर्व की भावना का संचार हुआ।
जनजातीय समाज का अद्भुत जोश और उत्साह
पूरे आयोजन के दौरान जनजातीय समुदाय के लोगों ने पारंपरिक परिधानों में सजधज कर अपने नायकों के प्रति सम्मान प्रकट किया। पारंपरिक नृत्य-गीत, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आयोजन को जीवंत बना दिया। स्थानीय कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया और भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की।
“माटी के वीर” पदयात्रा जनजातीय समुदाय की एकता, उनकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष की स्मृति में आयोजित की गई। इस आयोजन ने जनजातीय समाज की ताकत, उनकी एकजुटता और गौरवशाली इतिहास को उजागर किया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है।