Monday, December 1, 2025
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मतदाता सूची में कुछ नाम गायब होने और अन्य असामान्यताओं को लेकर कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि SIR को लेकर चुनाव आयोग पूरी तरह तैयार नहीं था और इसे जल्दबाजी में लागू किया गया

रायपुर। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया जैसे-जैसे गति पकड़ रही है, वैसे-वैसे मतदाता सूची की खामियां सामने आ रही है. इन गड़बड़ियों को लेकर परेशान लोगों की बातों को निर्वाचन अधिकारियों तक पहुंचा रहे पूर्व विधायक विकास उपाध्याय और पूर्व रायपुर मेयर एजाज ढेबर ने चुनाव आयोग पर पूरी तैयारी के बिना एसआईआर की प्रक्रिया को अंजाम देने का आरोप लगाया है.

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने रामसागर पारा की रामजी हलवाई गली के लगभग 80 लोगों का नाम 2003 सूची से गायब होने पर निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की. मीडिया से चर्चा में पूर्व विधायक ने कहा कि इन्हीं लोगों ने 1998 में उन्हें वोट किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि SIR को लेकर चुनाव आयोग की तैयारी पूर्ण नहीं है. आनन-फानन इसे लागू किया गया है, जिसकी वजह से जनता भटक रही है.

उन्होंने कहा कि बीएलओ को कुछ पता नहीं है. जिन लोगों का नाम 2003 सूची से गायब है, वे आखिर जाए तो जाए कहां. उनको कहा जा रहा है कि आप फार्म ऐसे ही भर दीजिए, बगैर 2003 के सूची की जानकारी दिए बगैर. चुनाव आयोग और सरकार को SIR के लिए पहले सभी तैयारी करनी थी. बीएलओ और सुपरवाइजर को प्रापर ट्रेन करना था. उसके बाद SIR लागू करना था, जिससे जनता कम से कम भटकती नहीं.

ढेबर ने बताया संवैधानिक अधिकार पर हमला

वहीं पूर्व महापौर एजाज़ ढेबर ने भी मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान ढेबर ने कहा कि यह स्थिति सिर्फ चुनावी प्रक्रिया पर नहीं, बल्कि नागरिकों के मतदान के संवैधानिक अधिकार पर सीधा हमला है. ज्ञापन में बताया कि 2003 से लगातार मतदान कर रहे ऐसे हजारों नागरिकोें के नाम बिना किसी कारण, सूचना या सत्यापन के सूची से हटा दिए गए हैं. ढेबर ने इसे “चौंकाने वाली और अस्वीकार्य चूक” बताया.

कई नागरिकों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन SIR फॉर्म भरे. लेकिन कोई पावती/रसीद नहीं मिली, जिसकी वजह से आवेदन की स्थिति ट्रैक नहीं हो पा रही है. सही अपडेट होने की कोई पुष्टि उपलब्ध नहीं है. ढेबर ने कहा कि बिना पावती के नागरिक यह भी साबित नहीं कर सकते कि उन्होंने संशोधन के लिए आवेदन किया था.

ज्ञापन में यह भी प्रमुख रूप से उठाया गया कि जिन मतदाताओं के नाम कट गए हैं, उनके लिए कोई अलग पोर्टल या मॉड्यूल उपलब्ध नहीं है. न ही कोई स्पष्ट प्रक्रिया बताई गई है, जिससे भ्रम और निराशा पैदा हो रही है. ढेबर ने कहा कि लोग समझ ही नहीं पा रहे कि अपना नाम वापस सूची में लाने के लिए जाएँ कहाँ? शिकायत दर्ज कैसे करें? यह स्थिति लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक है.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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