Sunday, July 13, 2025
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जन्म पर मां ने नाम रखा ‘शंकर’, शंकर ने जवानी में मचाया तांडव, हत्या कर पहुंचा जेल… रिहा होने के बाद साइकिल से किए 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

मां संगीता ने बेटे के जन्म के बाद उसका नाम शंकर रखा… लेकिन उन्हें क्या पता था कि बेटा जवानी में खूब तांडव मचाएगा… बेटे की बुरी संगत और नशे की लत ने उसे अपने दोस्त की हत्या के लिए विवश किया, जिसके बाद उसे 16 साल की जेल हुई. जेल में भी बेटे ने कम आतंक नहीं मचाया. अपने दोस्तों के साथ शंकर ने यहां भी ऐसा उत्पात मचाया कि अन्य कैदियों के साथ मिलकर 5 दिनों तक उन्होंने जेल में अधिकारियों को चाय-नाश्ता भी नहीं दिया और अपनी ही मर्जी चलाई. चूंकि हत्या के आरोप में शंकर जेल गए थे तो उन्हें रायपुर सेंट्रल जेल के बैरक नंबर 8 के पीछे बड़ी गोल में रखा गया था जहां खूंखार कैदियों को रखा जाता है… लेकिन अब शंकर बदल गए है. उन्होंने जेल से रिहा होने के बाद आध्यात्म का रूख कर लिया है और उन्होंने अपनी साइकिल से 8 महीने 5 दिन में 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर 4 अगस्त रविवार को रायपुर पहुंचे.

 शंकर राजधानी रायपुर के लक्ष्मण नगर स्थित दुर्गा मंदिर के पास रहते है. जहां उनकी इस साइकिल यात्रा से लौटने के बाद जश्न का माहौल है और अब सब उसे मिलने औप श्रीफल से उनका स्वागत करने पहुंच रहे है.

पूरी साइकिल यात्रा में भोलेनाथ मेरे साथ थे: शंकर

शंकर कहते है कि उनकी 12 ज्योतिर्लिंग की इस यात्रा में भगवान भोलेनाथ उनके साथ थे. ऐसा इसलिए क्योंकि जब वे जंगलों से गुजरते और उन्हें ये आभास होता कि उन्हें वहां नहीं रूकना चाहिए, उनकी साइकिल में लगा भगवा ध्वज उन्हें संकेत देता था. उनका कहना है कि 8 महीने की यात्रा में वे कई घने जंगलों से गुजरे और उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं हुई. इसका जीता-जागता उधारण है कि भगवान भोलेनाथ उनकी इस यात्रा में उनके साथ थे और पूरी यात्रा में उनकी रक्षा की.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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