Friday, October 18, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने बंधक मामले में सद्गुरु ईशा फाउंडेशन को दी राहत, हाईकोर्ट में चल रही कार्रवाई को रद्द करने का आदेश

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने दो महिलाओं को कथित तौर पर बंधक बनाने के मामले में ईशा फाउंडेशन के खिलाफ हाई कोर्ट में चल रहे मुकदमे को रोक दिया. महिलाओं ने अपने बयान में कहा कि वे स्वेच्छा से तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक आश्रम में रह रहे हैं.

हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका गलत है क्योंकि दोनों लड़कियां बालिग हैं और अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं, इसलिए फैसला सिर्फ इसी केस पर लागू होगा.

ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु जग्गी वासुदेव ने दो लड़कियों को जबरन बंधक बनाने का आरोप लगाया था, जिसके परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा आदेश पुलिस जांच में बाधा नहीं बनेगा.

CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हाईकोर्ट ने 8 साल पहले लड़कियों की मां ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, जिसे अब पिता ने दायर की है. हाईकोर्ट ने दोनों को पेश होने के लिए बुलाया है और पुलिस को जांच करने को कहा है. हमने दोनों महिलाओं से बातचीत करके उनके बयान दर्ज किए हैं, जो कहते हैं कि वे अपनी इच्छा से वहां रह रहे हैं. अब हमें ये याचिकाएं यहीं समाप्त करनी होगी.

CJI ने ईशा फाउंडेशन के वकील मुकुल रोहतगी को बताया कि महिलाओं और नाबालिग बच्चों वाले आश्रमों में आंतरिक शिकायत कमेटी (ICC) होनी चाहिए. हमारा उद्देश्य किसी संस्था को बदनाम करना नहीं है, लेकिन कुछ आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा किया जाना चाहिए. आपको संस्था पर दबाव डालना होगा कि वह इन बुनियादी जरूरतों को पूरा करे.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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