Thursday, July 17, 2025
No menu items!
Homeराष्ट्रीयअंतरिक्ष की उड़ान जितना अद्भुत,’ परिवार से मिलकर इमोशनल हुए शुभांशु शुक्ला

अंतरिक्ष की उड़ान जितना अद्भुत,’ परिवार से मिलकर इमोशनल हुए शुभांशु शुक्ला

नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन में 18 दिन रहने के बाद 15 जुलाई 2025 को धरती पर सकुशल लौट आए हैं। धरती पर वापसी के दूसरे दिन लखनऊ के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने अपने परिवार से मुलाकात की। शुभांशु शुक्ला ने पत्नी कामना शुक्ला (Kamna Shukla) और 6 साल के बेटे किआश से मुलाकात की। इस दौरान शुभांशु काफी इमोशनल दिखाई दिए। पत्नी को गले लगाने के बाद उनकी पत्नी की आंखों से आंसू बह रहे थे। उन्होंने पत्नी को गले लगाया और बेटे को गोद में उठाकर दुलार किया।

दरअसल इंटरनेशनल अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिनों की सफल यात्रा के बाद प्रशांत महासागर में स्प्लेशडाउन करने वाले शुभांशु शुक्ला को ह्यूस्टन स्थित एक विशेष सुविधा केंद्र में उनके परिवार ने गले लगाकर स्वागत किया। परिवार से मुलाकात से पहले उनका प्रारंभिक मेडिकल टेस्ट किया गया था।

19 दिन बाद पत्नी और बेटे से मिलने का फोटो शुभांशु शुक्ला ने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। शुभांशु ने लिखा- अंतरिक्ष की उड़ान अद्भुत होती है, लेकिन लंबे समय बाद अपनों से मिलना भी उतना ही अद्भुत होता है। धरती पर लौटकर जब परिवार को गले लगाया तो लगा कि जैसे घर आ गया।

शुभांशु ने पोस्ट के जरिए बताया- अंतरिक्ष में जाने से पहले वे 2 महीने क्वारंटीन थे। उन्हें परिवार से 8 मीटर की दूरी बनाकर रखनी होती थी। मेरे छोटे बेटे को बताया गया कि उसके हाथों में कीटाणु हो सकते हैं, इसलिए वह पापा को नहीं छू सकता। हर बार वह अपनी मां से मासूमियत से पूछता, ‘क्या मैं अब हाथ धोकर पापा को छू सकता हूं? ये काफी चुनौतीपूर्ण था।

बता दें कि एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए थे। 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे थे। 18 दिन रहने के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौट थे। कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग हुई थी।

शुभांशु ने किए 60 से ज्यादा प्रयोग

26 जून को आईएसएस से जुड़ने के बाद, उन्होंने 18 दिन तक वहां रहकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए। जिनमें जीव विज्ञान, सामग्री विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित प्रयोग शामिल थे। विशेष रूप से, उनके ‘स्प्राउट्स प्रोजेक्ट’ ने माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि का अध्ययन किया जो अंतरिक्ष में टिकाऊ खेती के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Would you like to receive notifications on latest updates? No Yes