Tuesday, August 5, 2025
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भारत और ब्रिटेन के साथ हाल ही में फ्री ट्रेड डील , इस डील से भारत की कपड़ा, चमड़ा और जूता इंडस्ट्री को काफी फायदा

नई दिल्ली: भारत और ब्रिटेन के साथ हाल ही में फ्री ट्रेड डील (FTA) हुई है। इस डील से भारत की कपड़ा (टेक्सटाइल), चमड़ा और जूता इंडस्ट्री को काफी फायदा होगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि अगले तीन सालों में यह निर्यात लगभग दोगुना होकर 1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जो 2024 में 494 मिलियन डॉलर था। समझौते से कस्टम की प्रक्रिया आसान हो जाएगी, तकनीकी मानक मिलेंगे और कोल्हापुरी जूते और मोजरी जैसे भारतीय भौगोलिक संकेतकों (GI) को सुरक्षा मिलेगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कपड़ा, चमड़ा और जूता इंडस्ट्री से कहा है कि इस ट्रेड डील का फायदा उठाना चाहिए।

मंत्रालय ने सोमवार को चमड़ा और कपड़ा निर्यातकों से बात की। मंत्रालय ने कहा कि वे अपना उत्पादन बढ़ाएं। साथ ही सप्लाई चेन को भी मजबूत करें। मंत्रालय ने कहा कि इन उद्योगों को बाजार में ज्यादा पहुंच मिलेगी। बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा हुई। मंत्रालय चाहता है कि निर्यातक इस मौके का पूरा फायदा उठाएं। इस समझौते से देश भर के मैन्युफैक्चरिंग हब को फायदा होगा, नई नौकरियां पैदा होंगी। खासकर MSME, कारीगरों, महिला उद्यमियों और युवाओं को बेहतर मौके मिलेंगे।

क्या हुई है डील और क्या होगा फायदा?

भारत और यूके के बीच हुए व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) से यूके ने भारतीय उत्पादों पर लगने वाले आयात शुल्क को हटा दिया है। पहले यह शुल्क चमड़े के सामान पर 2% से 8%, चमड़े के जूतों पर 4.5% और बिना चमड़े के जूतों पर 11.9% तक था। इससे बांग्लादेश, कंबोडिया और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले भारतीय निर्यातकों को बराबरी का मौका मिलेगा, जिन्हें पहले से ही यूके के बाजार में तरजीह मिलती थी। ड्यूटी-फ्री मार्केट एक्सेस से रेडीमेड गारमेंट्स, होम टेक्सटाइल, कालीन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा और एक्सपोर्ट में तेजी आएगी।

क्या हुई बैठक में चर्चा?

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को टेक्सटाइल, चमड़ा और जूता उद्योग के हितधारकों के साथ एक बैठक की। बैठक में पीयूष गोयल ने कहा कि यह समझौता भारत के टेक्सटाइल, चमड़ा और जूता उद्योगों के लिए एक बड़ा मौका है। समझौते से इन क्षेत्रों के लिए अवसरों की एक नई दुनिया खुलेगी। समझौते से टैरिफ कम होंगे, MSME को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार पैदा होंगे। यह समझौता भारतीय कारीगरों और निर्माताओं को वैश्विक पहचान दिलाएगा। आने वाले दिनों में मंत्रालय राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर तक पहुंचेगा और उन्हें इस समझौते से लाभ उठाने के लिए तैयार करेगा।

क्या है सरकार का प्लान?

सरकार ने भारतीय फुटवियर और चमड़ा विकास कार्यक्रम (IFLDP) जैसी पहल की हैं, जिसमें 1,700 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इसके अलावा, फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र के लिए प्रस्तावित फोकस प्रोडक्ट स्कीम क्षमता बढ़ाने, टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने, मेगा क्लस्टर और डिजाइन स्टूडियो बनाने और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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