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हरे सोने की तस्करी, सीमावर्ती जिले में खपाने में लगे बिचौलिए, राजनीतिक दबाव के आगे वन विभाग भी बेबस… - ppnews
Thursday, December 25, 2025
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हरे सोने की तस्करी, सीमावर्ती जिले में खपाने में लगे बिचौलिए, राजनीतिक दबाव के आगे वन विभाग भी बेबस…

गरियाबंद। गरियाबंद के ओडिशा सीमा में इन दिनों बड़ा खेल खेला जा रहा है. यह खेल है तेंदूपत्ता याने हरे सोने की तस्करी कर स्थानीय लघु वनोपज समितियों में खपाने का. कच्ची सड़कों के जरिए दोपहिया मोपेड में बिचौलिए ओडिशा से तेंदूपत्ता लाकर अपने नाते-रिश्तेदार संग्राहकों तक पहुंचाते हैं, जिन्हें वे आसानी से तेंदूपत्ता खरीदी केंद्रों में खपा देते हैं. यह खेल सालों से धड़ल्ले से चल रहा है. झाखर पारा समिति के सीमावर्ती खरीदी केंद्रों में ओडिशा से आ रहे पत्तों के खेप की सूचना जब वन अफसर को मीडिया ने दी तो बाकायदा अफसर पहुंचे भी, कार्रवाई का लेखा-जोखा भी बनाया, लेकिन आखिरकार राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई नहीं किया गया. हालांकि, रेंजर का दावा है कि वे आने वाले समय में तस्करी रोकने आगे कार्रवाई करेंगे.

सरकार को हो रहा लाखों का नुकसान

मिलावट के इस खेल में सरकार को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि ओडिशा से खपाए जाने वाले पत्तों की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण अच्छी कीमत नहीं मिलती. सरकार गुणवत्ता हीन पत्तों के एवज में संग्राहकों को 5500 रुपए प्रति मानक बोरा भुगतान तो करती है, पर इसकी बोली लगाने वाले ठेका कंपनी इसके एवज में 5 हजार भी नहीं देते.

कीमत कम आंक रही ठेका कंपनी

बता दें कि जिले के 62 लघुवनोपज समितियों में से ओडिशा सीमा से लगे देवभोग रेंज के 7 समितियां ऐसी हैं, जहां के पत्तों की कीमत ठेका कंपनी कम आंक रही है. ऐसे में सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व को चूना लगाने काम किया जा रहा है. 

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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