रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन हंगामे के साथ शुरू हुआ. कांग्रेस विधायक अपने सीने पर मनरेगा का नाम बदले जाने के विरोध में पोस्टर लगाकर पहुंचे थे, इस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने आपत्ति जताई. इस पर आसंदी ने व्यवस्था का हवाला देते हुए कांग्रेस विधायकों से पोस्टर-बैनर बाहर निकालकर प्रश्नकाल में शामिल होने को कहा.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों के सीने पर सत्यमेव जयते का पोस्टर लगाए जाने पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बता दें कि क्या ऐसी परंपरा रही है. भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कांग्रेस के दो नेता पोस्टर नहीं लगाए हैं, और बाकी के विधायकों को मजदूर समझकर पोस्टर लगवाकर लाए हैं. इस पर कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आप मजदूर कहकर जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं.
इस आसंदी ने सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही में सहयोग करने की बात कहते हुए कहा कि आप सभी वरिष्ठ सदस्य हैं. जिन्होंने भी बैनर-पोस्टर लगाकर रखे हैं, वे बाहर निकालकर सदन की कार्यवाही में शामिल हुए. इस पर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के सवाल करने पर अजय चंद्राकर ने कहा कि व्यवस्था पर कोई सवाल नहीं होता. इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के हस्ताक्षेप करने पर अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रश्नकाल में कोई भाषण नहीं होता है. इस तरह से पक्ष-विपक्ष के बीच नोक-झोंक के बीच आसंदी ने पांच मिनट के लिए स्थगित की.

