जालंधर पंजाब
पदम्रश्री सुरजीत गहल पातर हुंजन का आकस्मिक निधन
(14 जनवरी 1945 – 11 मई 2024.)
पंजाब के एक भारतीय पंजाबी भाषा के लेखक और कवि थे। उनकी कविताओं को आम जनता में अपार लोकप्रियता हासिल है और आलोचकों से भी काफी प्रशंसा मिली है।
2012 में पद्मश्री से सम्मानित,
1979 में मिला पंजाब साहित्य अकादमी पुरस्कार
उन्होंने पंजाबी साहित्य अकादमी के
अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
लुधियाना (सच कहूँ/जसवीर गहल) पंगुरु नानक देव विश्वविद्यालय से पीएचडी की।जाब के मशहूर कवि सुरजीत पातर का शनिवार को निधन हो गया है। उन्होंने 79 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिय
जानकारी के मुताबिक शायर की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। सुरजीत पातर ने लुधियाना में आखिरी सांस ली है।
बता दें कि जालंधर के गांव पटौद कलां में जन्मे सुरजीत पातर ने साहित्य के क्षेत्र में अहम उपलब्धियां हासिल की हैं।
उन्होंने पंजाबी साहित्य अकादमी के
अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला से मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद, पातर ने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
इसके बाद उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में पंजाबी के प्रोफेसर के रूप में योगदान दिया और वहीं से सेवानिवृत्त हुए।
उन्होंने कई प्रसिद्ध कविताएँ लिखीं। वह पंजाब के प्रसिद्ध लेखक और कवि थे।
पंजाबी बोली के बेटे सुरजीत पातर साहब के अचानक निधन हो जाने की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ।
पंजाबी मां बोली का आंगन आज सूना हो गया। यह हमारी मातृभाषा पंजाबी के लिये अपूरणीय क्षति है। पीपी न्यूज़ की ओर से सादर नमन