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Friday, December 26, 2025
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गरीब महिला की मौत के बाद इन पर उठ रहे गंभीर सवाल, घटना के बाद राज्यपाल सहित प्रशासनिक अधिकारियों की संवेदनहीनता चर्चा का विषय

सरगुजा. राज्यपाल रमेन डेका के काफिले में शामिल एक वाहन की टक्कर से गरीब महिला की मौत हो गई, लेकिन इस घटना के बाद राज्यपाल सहित प्रशासनिक अधिकारियों की संवेदनहीनता चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले में राज्यपाल ने न तो मृतिका के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना जताई और न ही किसी तरह का शोक संदेश जारी किया. इतना ही नहीं पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है और मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. दरअसल राज्यपाल रमेन डेका के सरगुजा प्रवास के दौरान शुक्रवार 28 मार्च को मैनपाट के पास एक दुर्घटना हुई. राज्यपाल के काफिले में शामिल सफेद रंग की इनोवा कार ने सूनी मझवार नामक एक गरीब महिला को टक्कर मार दी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. घटना के प्रत्यक्षदर्शी अमरनाथ यादव ने बताया कि राज्यपाल के काफिले में सातवें और आखिरी नंबर पर शामिल सफेद रंग की इनोवा कार ने सूनी मझवार को टक्कर मार दिया, लेकिन टक्कर मारने के बाद कार चालक ने घायल महिला की सुध नहीं ली और सीधे राज्यपाल के काफिले में फिर से शामिल हो गए.

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि घटना के बाद पुलिस की तीन और गाड़ियां वहां से गुजरी, लेकिन इनमें सवार लोगों ने भी संवेदनहीनता दिखाई और घायल महिला को उसके हाल पर छोड़कर चलते बने. इसके बाद स्थानीय लोगों ने कमलेश्वरपुर के थानेदार भरत साहू को फोन कर घटना की सूचना दी, तब जाकर महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला की स्थिति गंभीर पाए जाने पर बाद में उसे अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के तुरंत बाद यदि घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद उसकी जान बच जाती. घटना से व्यथित परिजनों ने दस लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को कलेक्टर दर पर नौकरी देने की मांग की, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इन मांगों पर किसी तरह की सहानुभूति नहीं दिखाई. प्रशासन ने केवल 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की और मुआवजा के रूप में 2 लाख रुपए देने का आश्वासन देकर चलते बने.

घटना के 24 घंटे बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं

राज्यपाल रमेन डेका ने घटना के बाद शुक्रवार को आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम रद्द कर रायपुर लौटने का फैसला लिया, हालांकि इसके पीछे प्रशासन ने उनके स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला दिया. इस घटना के बाद लल्लूराम डॉट काम ने सरगुजा पुलिस के आला अधिकारियों से संपर्क किया तो इन्होंने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि वाहन चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन आज घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद जब हमने सरगुजा के एडिशनल एसपी अमोलक सिंह ढिल्लन से बात की तो उन्होंने एफआईआर की जगह मर्ग कायम करने की बात कही. मतलब साफ है कि पुलिस गरीब महिला की मौत के मामले को दबाने की कोशिश कर रही है.

गलती पाने पर गाड़ी जब्त करने का प्रावधान : वकील

इस मामले के कानूनी पहलुओं के बारे में हमने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता संतोष पांडेय से बात की तो उनका कहना है कि पुलिस को दुर्घटना की विस्तृत जांच करनी चाहिए और चालक की लापरवाही पाए जाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. साथ ही पीड़ित पक्ष को समुचित मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए. एडवोकेट संतोष पांडेय ने बताया कि वाहन चालक की गलती पाए जाने पर गाड़ी जब्त करने का कानूनी प्रावधान है, हालांकि यदि गाड़ी राज्यपाल के काफिले का हिस्सा है तो विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल या सरकारी प्रक्रियाएं लागू हो सकती हैं, जो सामान्य कानूनी प्रक्रिया से भिन्न हो सकती हैं.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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