पत्थलगांव

हमारे ग्रामीण अंचल में सांस्कृतिक विरासत,धार्मिक कथाओं का मंचन, प्रस्तुति के अनोखे नाट्य,गम्मत,महाभारत,हम बचपन से देखते आ रहे है गांव की चौपाल में दशहरा,नवरात्र,गणेश पूजा,सहित सामाजिक पर्व के दौरान गांव के युवाओं द्वारा प्रस्तुति से धार्मिक मान्यताओं, पटकथाओं,का चित्रण प्रस्तुत कर मनोरंजन का अवसर मिलता है,यदा कदा,बड़े कस्बो में अब आर्केस्ट्रा, सहित माता भजन जगराता के कार्यक्रम शहरों से आये कलाकारों से देखने सुनने को मिलते है,ग्रामीण अंचल की लुप्त होती परम्पराओ,कलाकारों को पुनर्जीवित, संरक्षित रखने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण चौपालें छत्तीसगढ़ की रौशन रह सकें, यह मंडली महासमुंद से विगत दिनों पत्थलगांव के सुखरापारा में अपनी प्रस्तुति दी।