Prakashpunj Pandey
छत्तीसगढ़ में गतवर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली। ठीक छः माह उपरांत लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजधानी की सीट पर रायपुर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया और वो जीत भी गए।
अब रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं। प्रायः देखा गया है कि उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल की ही जीत होती है। लेकिन अब भाजपा में प्रत्याशी को लेकर चर्चा हो रही है। लोग अनुमान लगा रहे हैं कि बृजमोहन अग्रवाल के ही किसी पसंदीदा व्यक्ति का नाम आगे आएगा। परंतु पिछले साल के विधानसभा चुनावों में जिस प्रकार भाजपा ने तीन राज्यों में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में नए चेहरों को अवसर दिया वह आश्चर्यजनक रूप से अनपेक्षित था।
हाल ही में देश के गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह का रायपुर दौरा था जिसके बाद सूत्र बताते हैं कि उन्होंने विधानसभा उपचुनाव के लिए रायपुर दक्षिण सीट से सहकारिता के क्षेत्र के लिए सहकारिता के क्षेत्र के जानकर और अनुभवी प्रत्याशी के चुनाव की अनुशंसा की है। लेकिन यह भी देखना होगा कि वह प्रत्याशी बेदाग हो, संगठन में उसके नाम पर सहमति हो।
वैसे तो भाजपा की ओर से बहुत से नामों पर चर्चा है, जैसे नंदन जैन, मनोज शुक्ला, संजय श्रीवास्तव, मृत्युंजय दुबे आदि, लेकिन भाजपा इस सीट पर सहकारिता के क्षेत्र के जानकर और अनुभवी प्रत्याशी चाहती है, जोकि बेदाग भी हो।
छत्तीसगढ़ की राजनीति पर गहराई से शोध करने वाले राजनीतिक विश्लेषक व समाजसेवी प्रकाशपुन्ज पाण्डेय के अनुसार रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा की ओर से किसी नए चेहरे पर विचार होगा ताकि आपसी गुटबाजी से बचा जा सके। अब सहकारिता के क्षेत्र के जानकर और अनुभवी प्रत्याशी कौन हो सकता है आप भी सोचें। वैसे सूत्रों के अनुसार भाजपा की रायपुर जिला सहकारिता प्रकोष्ठ की संयोजक नीलम सिंह के नाम पर भी विचार हो सकता है क्योंकि उन्हें सहकारिता के क्षेत्र का अनुभव भी है, वो बेदाग व बेबाक भी हैं और भाजपा को उनके महिला होने का लाभ भी मिलेगा। वैसे सूत्रों की मानें तो भाजपा किसी गैरराजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए समाजसेवी, पत्रकार, डॉक्टर या वकील जैसे बुद्धि जीवी व्यक्ति की भी खोज कर रही है।
अब भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है यह तो आने वाले समय में पता चल जाएगा लेकिन लोगों के अनुमान लगाने की क्षमता कम होती नहीं दिख रही है।