

जशपुरनगर,
जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखण्ड में स्थित शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के शिक्षकों ने संकुल समन्वयक रविशंकर यादव के पहल से अपने विद्यालय को आदर्श विद्यालय बनाने के लिए कमर कस ली है।
इन दोनो विद्यालय के सभी शिक्षक एवं संकुल शैक्षिक समन्वयक गत दिनों यशस्वी जशपुर के नोडल अधिकारी विनोद कुमार गुप्ता से मिलने जशपुर आये और उनसे मुलाकात कर शासकीय प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला डुडुंगजोर को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने की बात कही और इसके लिए मार्गदर्शन मांगा। इस अवसर पर यशस्वी जशपुर के नोडल् अधिकारी विनोद कुमार गुप्ता ने उन्हे आदर्श विद्यालय बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए बताया कि विद्यालय के शिक्षकों को सबसे पहले पालकों का भरोसा जितना होगा, भरोसा जितने के लिए ग्रामवासियों के मन को जितना होगा। शिक्षकों को ग्राम में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र जाना होगा और वहां दर्ज बच्चों की पुरी जानकारी लेकर उनके पालकों से घर जाकर सम्पर्क करना होगा और यह तय करना होगा कि आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज बच्चों की शिक्षा उनके स्तर के अनुरूप अनिवार्य रूप से हो। इसके लिए शिक्षकों को सप्ताह में कम से कम एक दिन केन्द्र जाना होगा। श्री गुप्ता ने कहा कि अच्छा काम करने लिए समय से ज्यादा काम करना पड़ता है। सबसे पहले ग्रामवासियों को यह भरोसा दिलायें कि उनके स्कूल में बच्चों का भविष्य सुरक्षित है। शिक्षकों को स्कूल के विकास के लिए सतत् प्रयास करना होगा और यह स्वीकार करना होगा कि शिक्षक की जिम्मेदारी है कि उन्हें बच्चों का भविष्य बनाना है। शिक्षक को बच्चों के व्यक्तित्व का विकास कर बड़ो का आदर करना सिखाना होगा।
यदि एक शिक्षक रोज अपना बेस्ट अपनी पूरी क्षमता से बच्चों को देता है तो कोई भी उसे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता है। शिक्षकों को बच्चों को भी अपनी पूरी क्षमता का उपयोग ईमानदारी से करना सिखाना चाहिए। शिक्षकों को कम अच्छे बच्चों के स्तर को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम पूरा करना चाहिए और बच्चों को भरपुर लिखने का अभ्यास करना चाहिए। शिक्षकों को सदा प्रयास करना चाहिए कि बच्चों को विषयवस्तु को अच्छे से समझाये ना कि रटवायें। श्री गुप्ता ने कहा कि कभी भी शिक्षक या विद्यालय आदर्श नहीं होता बल्कि विद्यालय में अध्ययनरत बच्चे आदर्श होते हैं। विद्यालय के प्रधान पाठक व शिक्षकों को यह प्रयास करना चाहिए कि विद्यालय परिसर का वातावरण रुचिकर हो और बच्चों को मजा आये। बच्चों में यह रूचि जागृत करना चाहिए कि बच्चे नियमित रूप से विद्यालय आये। इस अवसर पर यशस्वी जशपुर के संजीव शर्मा, अवनीश पाण्डेय सहित शैक्षिक संकुल समन्वयक रविशंकर यादव, प्रधानपाठक मार्टिन कुजूर, शिक्षक पंचराम सिदार, प्रेम जार्ज एक्का, दीनदयाल पटेल, पदमलोचन पटेल, अशोक कुमार गुप्ता उपस्थित रहे।

