दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को 8,000 तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इस दिशा में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि नई बसें सुचारू रूप से संचालित हो सकें। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन बसों को चार्ज करने के लिए डिपो तक न ले जाना पड़े। इसके लिए राजधानी के तीन बड़े अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों पर भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे इलेक्ट्रिक बस संचालन और अधिक सुविधाजनक और समयबद्ध होगा।
दिल्ली सरकार के तीन बड़े अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों पर बनाए जाने वाले फास्ट चार्जिंग स्टेशनों पर बस केवल एक घंटे में चार्ज हो जाएगी। इन स्टेशनों के निर्माण पर कुल 17 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है। डीटीआईडीसी (दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने इस परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। टेंडर जमा करने की अवधि 10 दिसंबर को समाप्त हो चुकी है, और अब चयन प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।
डीटीआईडीसी के अधिकारी ने बताया कि टेंडर खोलने और फर्म के चयन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। योजना है कि छह महीने में चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण पूरा हो जाएगा। इन स्टेशनों के बनने के बाद बसों को चार्ज करने के लिए डिपो तक ले जाने की जरूरत नहीं रहेगी, जिससे संचालन में समय की बचत होगी और यात्रियों को बसों के इंतजार में देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम होगी।
जनवरी तक DTC की सभी बसें इलेक्ट्रिक होंगी
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की पूरी फ्लीट जनवरी 2026 तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक हो जाएगी। फिलहाल निगम के पास लगभग 149 CNG बसें संचालित हैं, लेकिन जनवरी तक इन सभी की आयु पूरी हो जाएगी और इन्हें चलन से हटा दिया जाएगा। वहीं, परिवहन विभाग करीब 2,700 नई बसों की खरीद की तैयारी में है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की जरूरत भी महसूस होगी।

