कोतबा



कोतबा।
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोतबा में सप्तशक्ति संगम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य समृद्ध भारत एवं समाज परिवर्तन के लिए मातृशक्ति के समर्थ नेतृत्व एवं राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को सशक्त रूप से प्रस्तुत करना रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य श्री निरंजन साय जी रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती सुमन शर्मा ने की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुरुचि पैंकरा,महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष श्रीमती शकीला कंवर, पार्षद श्री सुदर्शन पटेल, पूर्व सांसद प्रतिनिधि श्री विजय कुमार शर्मा, पूर्व पार्षद श्री सुनील शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
संस्था के अध्यक्ष श्री सुरेश कुमार अग्रवाल एवं विद्यालय के प्राचार्य श्री श्याम सुंदर द्विवेदी ने अतिथियों का स्वागत एवं मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में मातृशक्ति की गरिमामयी उपस्थिति रही। विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभागार को भावविभोर कर दिया।
🔶 पंच-परिवर्तन पर केंद्रित विचार
कार्यक्रम में वक्ताओं ने पंच-परिवर्तन के पाँच प्रमुख विषय—
कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्व का बोध एवं नागरिक कर्तव्य—पर अपने सारगर्भित विचार रखे।
🗣️ मुख्य अतिथि
श्री निरंजन साय जी (पूर्व सदस्य, लोक सेवा आयोग) ने अपने उद्बोधन में कहा—
“मातृशक्ति भारतीय समाज की मूल ऊर्जा है। जब नारी जागृत होती है, तो परिवार, समाज और राष्ट्र स्वतः सशक्त होता है। पंच-परिवर्तन के माध्यम से विद्या भारती समाज में संस्कार, समरसता और जिम्मेदार नागरिकता का बीजारोपण कर रही है। यह प्रयास राष्ट्र निर्माण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
कवि हृदय श्री निरंजन साय जी ने मंच पर अपने स्व रचित कविता में मातृशक्ति के सामर्थ्य,प्रतिभा,शक्ति और परिवार को एकजुट रखने पर अपने कविता पंक्ति के माध्यम में भी सुनाया
श्रीमती सुमन शर्मा (उपाध्यक्ष, नगर पंचायत) ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा—“नारी केवल परिवार की धुरी नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन की प्रेरक शक्ति है। कुटुंब प्रबोधन से लेकर नागरिक कर्तव्य तक, मातृशक्ति की भूमिका निर्णायक है। ऐसे आयोजन महिलाओं को आत्मबोध एवं नेतृत्व की दिशा प्रदान करते हैं।”
विशिष्ट अतिथि
श्रीमती सुरुचि पैंकरा (जिला पंचायत सदस्य) ने कहा—
“पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। मातृशक्ति इन दोनों क्षेत्रों में व्यवहारिक उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है।”
श्रीमती शकीला कंवर (अध्यक्ष, महिला मोर्चा) ने कहा—
“स्व का बोध ही नारी को आत्मनिर्भर और समाज को सशक्त बनाता है। पंच-परिवर्तन के विचार समाज की जड़ों को मजबूत करते हैं।”
श्री सुदर्शन पटेल (पार्षद) ने कहा—
“नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता से ही सशक्त लोकतंत्र का निर्माण संभव है।”
श्री विजय कुमार शर्मा (पूर्व सांसद प्रतिनिधि) ने बताया
“विद्या भारती के कार्यक्रम राष्ट्रवादी विचारधारा को व्यवहार में उतारने का कार्य कर रहे हैं।”
“सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों में संस्कारों का संचार सराहनीय प्रयास है।”
संस्था के अध्यक्ष
श्री सुरेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि—
“विद्या भारती का उद्देश्य केवल शिक्षा नहीं, बल्कि संस्कारयुक्त समाज का निर्माण है।”
प्राचार्य श्री श्याम सुंदर द्विवेदी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा
“सप्त शक्ति संगम विद्यार्थियों, मातृशक्ति और समाज को जोड़ने वाला प्रेरणादायी मंच है।”
तत्पश्चात कार्यक्रम का समापन राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति की निर्णायक भूमिका के संकल्प के साथ हुआ।
सप्तशक्ति संगम ने यह संदेश दिया कि मजबूत परिवार, सुरक्षित पर्यावरण, समरस समाज, आत्मबोध और कर्तव्यनिष्ठ नागरिकता—यही समृद्ध भारत की सशक्त आधारशिला है।
भारी संख्या में मातृ शक्ति उनकी माताएं, अभिभावक, नागरिक जन पत्रकार बंधु हो एवं पुलिस प्रशासन अपनी सेवा देने मौजूद रहे।
स्कूल के बच्चों के द्वारा अपने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया उनके उत्कृष्ट प्रदर्शनों से अभिभूत होकर मुख्य अतिथि श्री निरंजन साय ने प्रत्येक को प्रोत्साहन राशि भेंट कर उनके उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया और प्रतिभा को देखते हुए मुख्य अतिथि के द्वारा सभी को प्रोत्साहन राशि के रूप में इनाम वितरण किया , संस्था के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने भी प्रोत्साहन राशि देकर उन्हें सम्मानित किया

