जशपुर,


कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशन एवं जिला शिक्षा अधिकारी पी. के. भटनागर के मार्गदर्शन तथा यशस्वी जशपुर के नोडल विनोद गुप्ता के कुशल नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में जशपुर जिला हमेशा से नवाचारों के लिए जाना जाता रहा है। यहाँ की शैक्षिक पहल न केवल जिले बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं। इसी कड़ी में हाल ही में 1800 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में एक साथ जादू पिटारा का भव्य प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह आयोजन यशस्वी जशपुर कार्यक्रम के तहत हुआ ।
यह पहल न केवल बच्चों को शिक्षा के नए रूप से जोड़ती है, बल्कि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के उस विजन को भी साकार करती है, जिसमें खेल-आधारित, अनुभवात्मक और आनंदमय शिक्षा पर जोर दिया गया है। जादू पिटारा, NCERT और शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया एक अभिनव शैक्षिक संसाधन है, जिसमें – कहानियाँ, चित्र पुस्तकें, खेल और गतिविधियाँ, शिक्षण सामग्री, मल्टीमीडिया संसाधन शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य शिक्षा को रटने से मुक्त कर बच्चों को सीखने का वास्तविक अनुभव देना है। 1800 से अधिक एक साथ जादू पिटारा का प्रदर्शन प्राथमिक विद्यालयों में किया गया । सभी प्राथमिक विद्यालयों को शामिल करने वाला यह छत्तीसगढ़ का पहला जिला बना शिक्षण में खेल और गतिविधि आधारित दृष्टिकोण को मजबूती मिली ।
“यशस्वी जशपुर” जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की एक पहल है, जिसका उद्देश्य बच्चों की सीखने की गुणवत्ता में सुधार करना और शिक्षण को आनंदमय व रोचक बनाना है।
नई शिक्षा नीति 2020 कहती है कि- शिक्षा रटने पर आधारित न हो बल्कि अनुभवात्मक हो। प्राथमिक स्तर पर खेल और गतिविधियों के माध्यम से सीखने का अवसर मिले।
Foundational Literacy and Numeracy (FLN) पर विशेष ध्यान दिया जाए।
ताकि बच्चों को खेल-खेल में सीखनाः पढ़ाई बोझ न लगकर आनंददायक लगे । इस कार्यक्रम उपरांत शिक्षकों का कहना है कि बच्चों की एकाग्रता और रुचि बढ़ी है। अभिभावक खुश हैं कि उनके बच्चे अब खुशी-खुशी स्कूल जाना चाहते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी इसे जिले की ऐतिहासिक उपलब्धि मान रहे हैं। जशपुर ने यह साबित किया है कि – यदि जिले स्तर पर सामूहिक प्रयास किया जाए तो राष्ट्रीय नीतियों को जमीन पर उतारा जा सकता है।
यशस्वी जशपुर के नोडल अधिकारी विनोद कुमार गुप्ता कहते हैं कि जशपुर जिले का यह प्रयास केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि नई शिक्षा नीति 2020 के सपनों को हकीकत में बदलने की दिशा में बड़ा कदम था। 1800 से अधिक विद्यालयों में जादू पिटारा का सामूहिक प्रदर्शन अपने आप में एक अनोखा कीर्तिमान है। यह साबित करता है कि – “जब शिक्षक, प्रशासन और समाज मिलकर काम करते हैं, तो शिक्षा के स्तर में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है ।’’
इस कार्यक्रम आयोजन में शिक्षक मुकेश कुमार, देवकी प्रधान, मीना सिन्हा, अर्चना यादव एवं मनोज अम्बस्ट की भूमिका प्रमुख रही ।