Tuesday, October 14, 2025
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डीएसएफ जवानों को पुलिस कांस्टेबल के समान सुविधाएं देने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की, कहा—यह सेवा से जुड़ा मामला है

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने संयुक्त पुलिस कर्मचारी एवं परिवार कल्याण संंघ की जनहित याचिका खारिज कर दी। डिवीजन बेंच ने दायर याचिका को जनहित याचिका नहीं माना और कहा कि यह सर्विस मैटर है। बस्तर के 4 हजार से अधिक सहायक आरक्षकों और डीएसएफ (डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स) के जवानों ने पुलिस कांस्टेबल के समान सुविधा की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया था कि सहायक आरक्षकों को डीएसएफ पर प्रमोशन मिले, जवानों का वेतन और सुविधाएं डीएसएफ व जिला पुलिस बल के बराबर हों, गोपनीय सैनिकों को आरक्षक बनाया जाए। याचिका में बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य में मंत्रिमंडल के निर्णयानुसार सहायक आरक्षक के पद को समाप्त कर डिस्ट्रिक स्ट्राइक फोर्स (डीएसएफ) बनाने की अनुशंसा की गई थी, परंतु लगभग 2700 सहायक आरक्षकों को डीएसएफ बनाया गया था।

शेष बचे आरक्षक आज भी डीएसएफ बनने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जबकि उन्हें मंत्रिमंडल के निर्णयानुसार तुरन्त डीएसएफ बना दिया जाना चाहिए था। ठीक उसी प्रकार जिन सहायक आरक्षकों को डीएसएफ बनाया गया है उन्हें जिला पुलिस बल के आरक्षकों के बराबर वेतन नही दिया जा रहा है और ना ही डीएसएफ जवानों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा रही है जबकि उन जवानों से पूरे काम पुलिस आरक्षक के बराबर लिया जा रहा है जो कि न्याय संगत नहीं है

याचिका में कहा गया कि इसी प्रकार से गोपनीय सैनिक भी आरक्षक बनने के इंतजार में पिछले कई वर्षों से अपनी जान की बाजी लगाकर पुलिस विभाग में सेवा दे रहे हैं, परंतु उन्हें अभी तक आरक्षक नहीं बनाया गया है। मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने संयुक्त पुलिस कर्मचारी एवं परिवार कल्याण संंघ की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने दायर याचिका को जनहित याचिका नहीं माना और कहा कि यह सर्विस मैटर है।

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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