Tuesday, July 8, 2025
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रानी दुर्गावती की पुण्यतिथि पर कल्याण आश्रम में कार्यक्रम आयोजितरानी दुर्गावती का बलिदान हमारे लिए प्रेरणादायी है – हेमा शर्मा

जशपुर
कल्याण आश्रम जिला महिला समिति द्वारा महोबा के प्रसिद्ध चंदेल वंश की वंशज और गढ़ा-कटंगा के गोंड साम्राज्य की रानी, स्वाभिमान और बलिदान की प्रतिमूर्ति, रानी दुर्गावती की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देने हेतु नगर के कल्याण आश्रम में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती हेमा शर्मा सदस्य बाल कल्याण समिति जशपुर एवं मुख्य वक्ता श्रीमती अर्चना अग्रवाल सदस्य किशोर न्याय बोर्ड जशपुर ने रानी दुर्गावती के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हेमा शर्मा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि रानी दुर्गावती गढा राज्य की महारानी थी । इनका जन्म 5 अक्टूबर 1524 को कलिंजर दुर्ग में दुर्गा अष्टमी के दिन
हुआ था इसी कारण इनका नाम दुर्गावती रखा गया । 24 जून 1564 को 39 वर्ष की अल्पायु में इनका निधन हो गया था । रानी दुर्गावती का नाम भारतीय इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज ऐसा नाम है जिन्होंने मुग़ल शासकों को मुंह की खाने पर मजबूर कर दिया था । ये बाल्यकाल से ही घुड़सवारी, तलवारबाजी , तीरंदाजी युद्ध कलाओं में निपुण थी । इन्हें अपने पति की मृत्यु के उपरांत गढ़मंडला का शासन संभालना पड़ा उस समय इनके पुत्र की आयु मात्र 5 वर्ष थी । इन्होंने गढ़मण्डला में 16 वर्ष तक शासन कर कुशल प्रशासक के रूप में अपनी छवि निर्मित की । रानी दुर्गावती ने अपनी मातृभूमि और आत्म सम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया । मातृभूमि की रक्षा हेतु इनका महान बलिदान हमें युगों-युगों तक ‘राष्ट्र प्रथम’ के भाव से पोषित करता रहेगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य वक्ता श्रीमती अर्चना अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि रानी दुर्गावती 16 वीं शताब्दी की एक महान गोंडवाना शासक थी । जिन्होंने मुग़ल साम्राज्य के ख़िलाफ़ अपने राज्य की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी । 1564 में मुग़ल शासक अकबर ने रानी दुर्गावती के राज्य पर आक्रमण कर दिया जिसका रानी ने वीरता पूर्वक सामना किया अंततः मुग़ल सेना रानी दुर्गावती की सेना पर भारी पड़ने लगे तो रानी दुर्गावती ने आत्म समर्पण करने की बजाय अपनी तलवार से ख़ुद को मार डाला और वीरगति प्राप्त की । रानी दुर्गावती को अपनी वीरता और साहस के लिए याद किया जाता है । उन्हें आज एक महान योद्धा , एक महान शासक और नारी सशक्तिकरण के रूप में याद किया जाता है ।
कार्यक्रम का संचालन आर्या पाठक ने किया ।इस कार्यक्रम में कल्याण आश्रम जिला महिला समिति की अध्यक्ष जगन्ती भगत , जिला महिला प्रमुख कल्याण आश्रम उर्मिला ,कल्याण आश्रम नगर महिला समिति सचिव अनिता पैंकरा , प्रांत संगठन मंत्री महेश्वर सिंह , जिला संगठन मंत्री रवींद्र शिखर , विद्यालय की प्राचार्य जयमुनि सिंह ,शिक्षिका सोनम सोनी सहित काफ़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी ।

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Ravindra Singh Bhatia
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