Tuesday, July 8, 2025
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आदिवासी नेता अरविंद नेताम कहा- पहले डलिस्टिंग के विरोध में थे लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने इसके लिए हमने सहमति दी है

रायपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और संघ की कार्यशैली की सराहना की.

नेताम ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, जिससे उन्हें संघ को करीब से समझने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी खुली और सार्थक बातचीत हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. विशेष रूप से, संघ और आदिवासी समाज के बीच वैचारिक दूरियों को कम करने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ. नेताम ने RSS से आग्रह किया कि आदिवासी समाज में एकजुटता की कमी को दूर करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के दौरान लाए गए उदारीकरण ने आदिवासी समाज के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी. जब देश में सारी आशाएं खत्म हो जाती हैं, तो संघ ही एकमात्र स्थान बचता है जो मदद कर सकता है.” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहता रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं. हालांकि, उनके दबाव के बाद अब संघ ने ‘आदिवासी’ शब्द का उपयोग शुरू किया है. नेताम ने बताया कि पहले वे डीलिस्टिंग (अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने) के खिलाफ थे, लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने के लिए उन्होंने इस मुद्दे पर सहमति जताई है. आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के मुद्दे को भी नेताम ने संघ के सामने रखा. उन्होंने कहा, “अगर समाज का अस्तित्व खतरे में है, तो जो भी इस पर मदद करेगा, हम उससे सहायता लेंगे.”

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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