Monday, December 1, 2025
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साय सरकार की रामलला दर्शन योजना : श्रद्धा, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम

रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं की आस्था को सम्मान देने के उद्देश्य से “रामलला दर्शन योजना” की शुरुआत की है. यह योजना अयोध्या में भगवान श्रीराम के भक्तों को सुगम दर्शन की सुविधा प्रदान करने का एक ऐतिहासिक प्रयास है. इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन के लिए निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है. यह योजना राज्य में आध्यात्मिक जागरूकता को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ रामभक्तों की धार्मिक आस्था को मजबूत करने का कार्य कर रही है. इससे न केवल छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बल मिलेगा, बल्कि पर्यटन और धार्मिक सौहार्द्र भी बढ़ेगा.

योजना का उद्देश्य और महत्व

छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम की ननिहाल के रूप में प्रसिद्ध है. वाल्मीकि रामायण और अन्य पौराणिक ग्रंथों में इसे कौशल्यादेवी (भगवान श्रीराम की माता) की जन्मभूमि बताया गया है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के लोगों में श्रीराम के प्रति गहरी आस्था है.

विष्णुदेव साय सरकार की “रामलला दर्शन योजना” का उद्देश्य है—

  • श्रद्धालुओं को अयोध्या तक मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करना
  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना
  • आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत को सहेजना
  • राज्य के नागरिकों को राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन का अवसर देना

सरकार का मानना है कि यह योजना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे राज्य के पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्मिक समृद्धि को भी बल मिलेगा.

योजना के प्रमुख प्रावधान

निःशुल्क यात्रा की सुविधा

इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को विशेष ट्रेनों और बसों के माध्यम से अयोध्या भेजा जा रहा है.
यह यात्रा पूरी तरह से निःशुल्क होगी, जिसमें आने-जाने का किराया, रहने-खाने की व्यवस्था भी शामिल है.

ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया

इच्छुक श्रद्धालु ऑनलाइन पोर्टल या जिला कार्यालयों में आवेदन कर सकते हैं.
आवेदन पत्र में आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और कुछ अन्य आवश्यक दस्तावेज मांगे जाएंगे.

वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को प्राथमिकता

योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग श्रद्धालुओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे वे बिना किसी परेशानी के अयोध्या में रामलला के दर्शन कर सकें.

विशेष ट्रेनों और बसों का संचालन

राज्य सरकार रेलवे प्रशासन और परिवहन विभाग के साथ मिलकर विशेष ट्रेनों और बसों की व्यवस्था कर रही है.
ट्रेनें और बसें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और अन्य प्रमुख जिलों से संचालित होंगी.

यात्रा के दौरान सुरक्षा और चिकित्सा सुविधा

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल टीम और सुरक्षाकर्मी भी यात्रा के दौरान साथ रहेंगे.
पूरे यात्रा मार्ग पर भोजन, पेयजल और विश्राम की विशेष व्यवस्था की गई है.

रामलला दर्शन यात्रा का शुभारंभ और ऐतिहासिक क्षण

छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में रायपुर रेलवे स्टेशन से “रामलला दर्शन यात्रा” की पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम की ननिहाल है, और हमारी सरकार का उद्देश्य है कि यहां के श्रद्धालु अयोध्या जाकर अपने आराध्य रामलला के दर्शन कर सकें. यह योजना हमारी संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को मजबूती प्रदान करेगी.”

इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे और पूरे वातावरण में “जय श्रीराम” के जयघोष गूंज उठे. इस योजना की पहली यात्रा में 1000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिनमें महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और युवा शामिल थे.

योजना को लेकर श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएं

छत्तीसगढ़ के लोगों ने इस योजना का हर्ष और उत्साह के साथ स्वागत किया. कई श्रद्धालुओं ने सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा का सपना पूरा हो सका है.

बिलासपुर निवासी रामप्रसाद वर्मा ने कहा, “मैंने जीवनभर रामलला के दर्शन की इच्छा रखी थी, लेकिन आर्थिक स्थिति के कारण संभव नहीं हो सका. सरकार की इस योजना के कारण मेरा सपना पूरा हुआ. यह एक दिव्य अनुभव है.”

रायपुर की 70 वर्षीय सुशीला देवी ने कहा, “भगवान श्रीराम के दर्शन करने का यह अवसर मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. विष्णु देव साय सरकार ने जो किया है, वह हर श्रद्धालु के दिल में बस गया है.”

धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव

यह योजना छत्तीसगढ़ की जनता की धार्मिक भावनाओं को सशक्त कर रही है.
राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिल रहा है.

राजनीतिक दृष्टिकोण

यह योजना भाजपा सरकार के लिए लोकप्रियता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है.
इसे आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा माना जा सकता है, क्योंकि यह आम जनता से सीधे जुड़ी हुई है.

आर्थिक प्रभाव

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने से व्यापारियों, होटल व्यवसायियों और ट्रांसपोर्ट क्षेत्र को लाभ मिलेगा.
स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प उद्योगों को भी फायदा होगा.

भविष्य की योजनाएं और संभावनाएं

विष्णुदेव साय सरकार ने संकेत दिया है कि भविष्य में यह योजना अन्य धार्मिक स्थलों तक भी विस्तारित की जा सकती है. संभावित स्थलों में काशी, प्रयागराज, उज्जैन और पुरी शामिल हो सकते हैं. सरकार ने यह भी कहा है कि राम वन गमन पथ को भी विकसित किया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के पदचिह्नों से जुड़े स्थानों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार किया जा सके.

“रामलला दर्शन योजना” न केवल एक धार्मिक योजना है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की जनता के आस्था, श्रद्धा और संस्कृति को एक नई पहचान देने वाला कदम है. इससे छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन की जो सुनहरी सौगात मिली है, वह आने वाले वर्षों तक याद रखी जाएगी. विष्णुदेव साय सरकार की यह पहल धार्मिक पर्यटन, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है. इस योजना का प्रभाव राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से भी दूरगामी होगा. अंततः यह कहा जा सकता है कि “रामलला दर्शन योजना” श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा, आस्था और आध्यात्मिकता का एक अद्भुत संगम है, जो छत्तीसगढ़ को रामभक्ति की एक नई ऊंचाई पर ले जाने का कार्य करेगा.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://ppnews.in
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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