मानव अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी अहिंसात्मक आंदोलनों के लिए धक्का : राजगोपाल पी.व्ही.

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मानव अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर बयान

मानव अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी अहिंसात्मक आंदोलनों के लिए धक्का : राजगोपाल पी.व्ही.

भोपाल। एकता परिषद के संस्थापक एवं प्रसिद्ध गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. ने आज एक बयान जारी कर कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में मानव अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी अहिंसात्मक आंदोलनों के लिए धक्का है।

सरकारी शह पर इस तरह मानव अधिकार कार्यकर्ताओं का दमन किया जाना निंदनीय है।

पिछले कई सालों से अभिव्यक्ति की आजादी और मानव अधिकार की बात करने वाले लोगों को अलग-अलग तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।

कल देश के अलग-अलग हिस्सों से मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के घरों पर छापे मारे गए और उन्हें गिरफ्तार किया गया।

दिल्ली में गौतम नवलखा, हैदराबाद में वरवर राव, फरीदाबाद में सुधा भारद्वाज, मुंबई में वर्नन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा, रांची में स्टेन स्वामी और गोवा में आनंद तेलतुम्बड़े के घर छापा मारकर पुलिस ने उनके कागजात, लैपटॉप आदि जब्त किए और कई साथियों को गिरफ्तार भी किया गया।

ये साथी दलितों, आदिवासियों एवं वंचितों की आवाज उठाते हैं।

सरकार की उन नीतियों का विरोध करते हैं, जिनकी वजह से इन तबकों के अधिकारों का हनन होता है।

आज एक ओर देश में बेरोजगारी और गरीबी के कारण असंतोष फैल रहा है और लोग अहिंसक आंदोलनों के माध्यम से अपने मानव अधिकार एवं स्थानीय संसाधनों पर अधिकारों की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर सरकार पूंजीपतियों के साथ गठजोड़ कर अलग-अलग तरीके से इनका दमन कर रही है।

इस तरह से आम जनता की समस्याओं का समाधान करने के बजाय उनकी आवाज उठाने वालों पर दमन करना वंचितों में असंतोष को ज्यादा तीव्र करेगा।

सरकार को इन मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को तत्काल बिना किसी शर्त रिहा करना चाहिए और वंचितों की समस्याओं के समाधान की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

हम और हमारा संगठन एकता परिषद इन मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और इनके पक्ष में खड़े संगठनों एवं बुद्धिजीवियों के साथ हैं और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का तीव्र विरोध करते हैं।

उक्त व्यक्तव्य श्री

अनीष कुमार, राष्ट्रीय संयोजक, एकता परिषद द्वारा जारी किया गया

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