ट्रैक्टर-ट्रॉली में नहीं लगे रिफ्लेक्टर और रेडियम,रात में रहता है हादसों का खतरा
जशपुर नगर (सुमित ठाकुर): – शहर में लंबे समय से सड़कों पर दौड़ रहे कई वाहनो, कृषि और व्यावसायिक ट्रैक्टर-ट्रॉली में रिफ्लेक्टर नहीं लगे हैं। ट्रॉलियों में बैक लाइट न होने से रात में पीछे चलने वाले लोगों के साथ हादसे की संभावना रहती है। जबकि अब सीजन में इनकी संख्या बढ़ेगी। रात में ऐसे वाहनों से अधिक दिक्कत होती है। साथ ही सरिए से भरी ट्रॉलियों पर भी यातायात पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिससे इन वाहन चालकों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार जरूर ट्रैक्टर की ट्रालियों पर रेडियम लगाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद यह अभियान फिर ठंडा हो गया है। शहर की कृषि उपज मंडी व अन्य कार्यों के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली नगर में आते हैं। ट्रॉलियों के पीछे संकेतक के लिए रेडियम व रिफ्लेक्टर नहीं होने के कारण दिखाई नहीं पड़ती हैं। जबकि सरिया भरकर ले जाने वाली ट्रॉलियों में हादसे का डर अधिक रहता है। इसी तरह शहर तथा हाईवे मार्गों पर ट्रक व अन्य वाहन बिना ब्रेक लाइट जलाए ढाबों व मुख्य मार्ग पर खड़े कर दिए जाते हैं। इस कारण दो पहिया वाहन चालकों को इसकी जानकारी नहीं लग पाती है। जो हादसों का कारण बन जाते हैं।
कृषि कार्य के साथ माल ढुलाई में भी हो रहा उपयोग-
इसी तरह विकासखंड के गांवों में ट्रैक्टर-ट्रालियों का उपयोग कृषि कार्य के अलावा माल ढुलाई में किया जाता है। रात के समय सड़क पर चलने या खड़ी ट्रालियों पर रिफ्लेक्टर नहीं लगा होने से यह अंधेरे होने या वाहनों दूसरे वाहनों की लाइट पड़ने पर दिखाई नहीं देते हैं। इससे वाहनों की ट्रालियों से टकराने की संभावना रहती है। इससे पहले कई हादसे हो चुके हैं बावजूद जिम्मेदार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। कई बार ग्रामीण क्षेत्रों से मंडी में उपज लेकर आने वाले किसानों के अलावा अन्य लोग रात में सड़क के अलावा हाईवे पर हर कहीं ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को खड़ा कर इधर-उधर चले जाते हैं। इसमें उनको आने में काफी समय लग जाता है। इस दौरान सड़क से चलने वाले लोगों के साथ दुर्घटना की भी संभावना बनी रहती है।
हादसों का रहता है अंदेशा-
ट्रैक्टर के पीछे लगी ट्रॉलियों के पीछे किसी तरह के इंडिकेटर व ब्रेक लाइट नहीं होने के कारण उनके रूकने का पीछे वाले वाहनों को आभास नहीं हो पाता है। सिविल लाइन निवासी महेश तिवारी ने बताया ने बताया कि कई बार देर रात चैराहों पर ट्रैक्टर ट्राली न दिखने से लोग टकराते-टकराते बच जाते है। तो कई टकराकर घायल हो जाते हैं।
टैक्सी पर करते है सरियों का ढुलाई
शहर की यातायात व्यवस्था इतनी लचर होती जा रही है कि यहां टैक्सी पर ही ठेकेदार सेटिंग व सरिया की ढुलाई करते हैं। इस वाहन को लेकर कोतवाली और यातायात थाने के सामने से धड़ल्ले से लेकर निकल जाते हैं, लेकिन इन पर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहं की गई है।