सहकारिता का विस्तार पवित्र भावना से संभव : मोहम्मद अकबर ,मजबूत विश्व का निर्माण करने में सहकारिता ही एक मात्र विकल्प है- सत्यनारायण शर्मा,सहकारिता का मूल मंत्र एक साथ मिलजुल कर कार्य करना तथा एक दूसरे के कमियों को दूर करना ही सहकारिता है -सुरेन्द्र शर्मा,विश्व की अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों में, सहकारी समितियों ने खुद को कारगार साबित किया- झुनमुन गुप्ता,गोधन न्याय योजना का कार्य सहकारिता की भावना के साथ किया जा रहा है, जिससे हजारों लोग लाभान्वित हो रहे है और रोजगार प्राप्त कर रहे है-रविन्द्र भाटिया

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02 जुलाई 2022
रायपुर।

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ एवं अन्य सहकारी संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस भव्यता के साथ मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर ‘सहकारिता से विश्व का बेहतर निर्माण’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. रायपुर के सभागार में किया गया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रायपुर ग्रामीण विधायक व शाषी परिषद सदस्य भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ नई दिल्ली सत्यनारायण शर्मा ने किया व छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा अति विशिष्ट अतिथि रहे। संगोष्ठी की शुरुआत छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता द्वारा सहकारी संदेश वाचन के साथ की गई।


वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि सहकारिता में जागरूकता की आवश्यकता है, सहकारिता में और अधिक विस्तार की जरूरत है और यह सहकारिता में पवित्र भावना से कार्य करने पर ही संभव है। वर्तमान समय में सहकारिता का विस्तार हुआ है, क्योंकि पहले १०-१२ मे. टन धान खरीदी की जाती थी। भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद इसका विस्तार किया गया और अब सहकारी समितियों के माध्यम से ९८ लाख मे.टन धान खरीदी की जा रही है। धान खरीदी कार्य में सहकारी समितियों का योगदान महत्वपूर्ण है।

उन्होने कहा कि पहले मध्यप्रदेश के समय में यहां शक्कर कारखाना नहीं था। अजित जोगी शासनकाल में सहकारिता के क्षेत्र में पहले शक्कर कारखाना की स्थापना की गई जिसे मेरे द्वारा कवर्धा के भोरमदेव के नाम से शक्कर कारखाना के नाम से प्रचारित करने हेतु निवेदन किया गया। अजीत जोगी ने ११ महिने के कार्यकाल में इसकी स्थापना की। श्री अकबर ने कहा कि लघुवनोपज संघ में सहकारिता के माध्यम से १ हजार करोड़ तेन्दुपत्ता वितरण किया गया है। पूरे भारत में छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा ही ७३ प्रतिशत लघुवनोपजों का क्रय किया गया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि सहकारिता से विश्व का बेहतर निर्माण का थीम बहुत ही सुंदर है। मजबूत विश्व का निर्माण करने में सहकारिता ही एक मात्र विकल्प है। उन्होने कहा कि यह उपस्थित सभी प्रणेता सहकारिता से जुड़े है। सहकारिता के संकट के समय में श्री अकबर ने सहायता प्रदान किया, जिसके कारण ही सहकारिता को सबल मिला है। अब प्रदेश सरकार को किसानों की आय के श्रोत बढ़ाने हेतु प्रयास करना चाहिए, ताकि किसान समृद्ध एवं सबल हो सके। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सहकारिता में नई सोच विकसित करने की आवश्यकता है तथा समिति के पदाधिकारी एवं अधिकारी को एक साथ मिलकर कार्य चाहिए। ताकि सहकारिता को मजबूती मिले तथा सहकारी आंदोलन आगे बढ़े। श्री शर्मा ने संगोष्ठी में उपस्थित सभी सहकारी बंधुओं को कहा कि आगामी माह में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। जिसमें सभी सहकारीजन अपने विचारों को सबके समक्ष रखेंगे।


कार्यक्रम की अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित छग कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि सहकारिता का मूल मंत्र एक साथ मिलजुल कर कार्य करना तथा एक दूसरे के कमियों को दूर करना ही सहकारिता है। नदीं नालों, पेड़ों की रक्षा मिलकर करने से ही विश्व का बेहतर निर्माण किया जा सकता है। सभी समितियों के समक्ष कई चुनौतियां होती है और समितियां इन्ही चुनौतियों का सामना कर आगे बढ़ रही है। वर्तमान समय में देश को माननीय मूल्यों की दिशा में जोडऩे की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि सहकारी समितियों का उददेश्य लाभ कमाना नहीं बल्कि मनुष्यता की रक्षा करना है।


श्री गुप्ता ने कहा इस वर्ष भी विश्व की अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों में, सहकारी समितियों ने खुद को कारगार साबित किया है। सहकारिताएं आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देते हैं, पर्यावरणीय गिरावट और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ती हैं, अच्छी नौकरियां पैदा करती हैं, खाद्य सुरक्षा में योगदान देती हैं, स्थानीय समुदायों के भीतर वित्तीय पूंजी रखते हैं, नैतिक मूल्य श्रृंखला बनाते हैं, और लोगों की भौतिक स्थितियों और सुरक्षा में सुधार करके सकारात्मक शांति में योगदान करते हैं।
उन्होने कहा कि इस उत्सव का उद्देश्य सहकारिता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना तथा राष्ट्र के पूरक लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहकारी आंदोलन को प्रकाश में लाना है वैश्विक स्तर पर सहकारी अर्थव्यवस्था एक अरब से अधिक सदस्यों को एकीकृत करती है और दुनिया की 10 प्रतिशत आबादी के लिए रोजगार पैदा करती है।
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ के उपाध्यक्ष रविन्द्र सिंह भाटिया ने कहा कि शासन की गोधन न्याय योजना का कार्य सहकारिता की भावना के साथ किया जा रहा है, जिससे हजारों लोग लाभान्वित हो रहे है और रोजगार प्राप्त कर रहे है। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ इस तरह के आयोजन करते रहेगा जिससे प्रदेश के सहकारी आन्दोलन को गति प्रदान करने तथा नवीन कार्ययोजना बनाने का अवसर मिलेगा।


कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।


इस अवसर पर अपेक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष डोमेंद्र भेडिय़ा, सदस्य अनुसूचित जनजाति आयोग नितिन पोटाई, छग राज्य सहकारी संघ संचालक अलेक्जेंडर तिर्की व संदीप श्रीवास्तव, विशेषज्ञ संचालक हरिश तिवारी, मानसेवी संचालक छग राज्य सहकारी संघ हेमंत साहू, वरिष्ठ सहकारी नेता पुरुषोत्तम पटेल, मानसेवी सदस्य छग राज्य सहकारी संघ अश्वनी बबलू त्रिवेन्द्र, सभापति जिला पंचायत सदस्य माखन कुर्रे, पलौद समिति अध्यक्ष कैलाश साहू, रीवा समिति अध्यक्ष दौलत साहू, विशेष सहायक वन मंत्री एसकेएस सिसोदिया, संयुक्त पंजीयक रायपुर संभाग डीपी टावरी, उप पंजीयक रायपुर व प्रबंध संचालक छग राज्य सहकारी संघ एनआरके चन्द्रवंशी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं छग युगल किशोर, राज्य सहकारी संघ विवेक पांडे एवं छग राज्य सहकारी संघ, अपेक्स बैंक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, रायपुर जिला सहकारी संघ, रायपुर के अधिकारी कर्मचारी एवं सहकारिता क्षेत्र से जुड़ेे अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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