अखिल भारतीय हिंदी प्रकासक संघ का 56 वा वार्षिक अधिवेशन 28 अक्टूबर को जयपुर में हुआ सम्पन्न

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पाठ्य पुस्तक प्रकाशकों को शासकीय कार्य में होने वाली दिक्कतों पर विस्तार पूर्वक हुई चर्चा

शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशकों को अनावश्यक किया जा रहा है नियम कानूनों का हवाला देकर परेशान- ओमप्रकाश अग्रवाल उपाध्यक्ष जयपुर

कन्हैया गोयल

सक्ती- अखिल भारतीय हिन्दी प्रकाशक संघ का 56 वां वार्षिक अधिवेशन के साथ साथ हिन्दी प्रकाशक और उसकी चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी का आयोजन जयपुर में 28 अक्टूबर को को मुजी कालोनी प्रधान मार्ग मालवीय नगर जयपुर में संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल की अध्यक्षता में हुआ। अधिवेशन में देश भर के लगभग 50 प्रकाशकों के प्रतिनिधियों ने सहभगिता की, अधिवेशन में कोरोना महामारी को देखते हुए दो गज की दूरी का पूर्ण ध्यान रखा गया।


अधिवेशन में सर्वप्रथम महामंत्री अरूण कुमार शर्मा द्वारा संघ की वार्षिक रिपोर्ट पेश की गई एवं कोषाध्यक्ष विजय गोयल द्वारा आय-व्यय का विवरण बताया गया। संगोष्ठी में अनेक प्रकाशको ने अपने अपने विचार रखें, जिसमें हिन्दी पुस्तकों के पाठकों की कमी कई राज्यो द्वारा पुस्तक खरीद द्वारा हिन्दी पुस्तकों की खरीद ना करना आदि अनेको समस्याओं का उल्लेख किया गया

तत्पश्चात उपाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल (श्याम प्रकाशन)द्वारा बताया गया की राज्य सरकारी द्वारा पुस्तकों की थोक खरीद में तरह तरह के अव्यावहारिक नियम व शर्ते लगायी जा रही है, जिसके कारण देश के कई छोटे प्रकाशक उस खरीद प्रक्रिया में शामिल नही हो पाते, जिसको रोकने के लिए संघ द्वारा कार्यवाही की जा रही है,कई राज्यों में तो पुस्तकों को जी.एस.टी. से बाहर रहने के बाबजुद भी प्रकाशकों से जी.एस.टी. नम्बर भी मांगे जा रहे है, उसके खिलाफ भी संघ द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में रिट लगा दी गई है, अंत में सभी नवनिर्वाचित सदस्यों का स्वागत कर आगुन्तकों का धन्यवाद दिया गया।

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