शक्ति शहर सहित अंचल में वट सावित्री की पूजा की गई सुहागिन महिलाओं द्वारा धूमधाम से

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शक्ति कन्हैया गोयल

सक्ति–22 मई को ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शक्ति शहर सहित पूरे अंचल में सुहागिन महिलाओं द्वारा वट सावित्री की पूजा हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ विधि-विधान के साथ की गई

,इस दौरान सुहागिन महिलाएं सुबह से ही पूजा की थाली एवं पूजन सामग्री लेकर बरगद के पेड़ के नीचे पूजा- अर्चना करते हुए अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना की एवं भारतीय संस्कृति के अनुसार यह मान्यता है कि बरगद पेड़ के वृक्ष की जड़ों में भगवान ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु, एवं पेड़ की डालियों एवं पत्तियों में भगवान शिव का निवास स्थान माना गया है, तथा व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को सावित्री और सत्यवान की कथा पढ़ना एवं सुनना जरूरी होता है,

भारत की संस्कृति में वट सावित्री पूजा का बड़ा ही विशेष महत्व है एवं देश में सभी स्थानों पर यह पूजा सुहागिन महिलाओं द्वारा की जाती है, वर्तमान समय में कोविड-19 से रोकथाम की दिशा में चल रहे लाग डाउन के अंतर्गत सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने मोहल्लों, शहरों एवं गांवों में सोशल डिस्टेंसिंग एवं सुरक्षा, दिशा- निर्देशों का पालन करते हुए इस वट सावित्री की पूजा की गई तथा महिलाओं में काफी उत्साह देखा गया

इस संबंध में शक्ति शहर की वार्ड क्रमांक- 14 निवासी श्रीमती संगीता राकेश गबेल एवं नैला जांजगीर की इंजीनियर श्रीमती शिखा विकास शर्मा ने बताया कि इस पूजा का एक विशेष महत्व होता है तथा विधि विधान पूर्वक सुहागिन महिलाएं इस पूजा को संपन्न करवाती हैं

, उल्लेखित हो कि 22 मई को वट सावित्री पूजा के दौरान सुहागिन महिलाओं ने अपने पति के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया, वही लायनेस क्लब शक्ति की अध्यक्ष श्रीमती अनीता सिंह एवं श्रीमती अंजू सिंह ने भी बताया कि इस पूजा में पूजन सामग्री का विशेष महत्व होता है, तथा पूजन सामग्री के बिना की गई पूजा अधूरी मानी जाती है एवं इसमें बांस का पंखा, लाल व पीला धागा, धूपबत्ती, फूल, कोई भी पांच फल, जल से भरा पात्र, सिंदूर, लाल कपड़ा, प्रमुख होता है तथा वट सावित्री के दिन व्रत कर घर को भी गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए

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