पड़त भूूमि में अब होने लगी गेहँ, मूंगफली की खेती जशपुर जिले में

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 जशपुरनगर 01 मार्च 2020/ जशपुर जिले में संचालित वाटर शेड मिशन के गाॅवों में किसान अब रबी के मौसम में फसलें उपजाने लगे हैं। धान की खेती के बाद अमूमन पड़त रहने वाली भूमि में अब गेहूँ, मूॅगफली, मसूर एवं साग-सब्जी की खेती होने लगी है। वाटर शेड मिशन के माध्यम से किसानों के खेत में बनी डबरी उनके लिए काफी लाभप्रद साबित हो रही है। जिले के सुदूर वनांचल के  किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रियायती दर पर सौर सुजला योजना के तहत मिले सोलर पंप भी किसानों की माली हालत को बेहतर बनाने में वरदान साबित हुए है। सिंचाई की व्यवस्था होने के बाद अब आदिवासी कृषकों का रुझान रबी फसलों की खेती की ओर बढ़ा है। जिले के मनोरा ब्लाॅक में संचालित वाटर शेड मिशन के गाॅवों में वर्षा जल को रोकने तथा भू-जल स्तर को बेहतर करने के उद्देश्य से बनाये गये छोटे-छोटे जल संग्रहण स्ट्रकचर से गाॅवों में खेती किसानी समृद्ध हुई है। मनोरा ब्लाॅक मुख्यालय से लगभग 5 किमी दूर स्थित घटगाॅव के कृषक कमला भगत ने वाटर शेड मिशन के जरिये अपने खेत में बनी डबरी से सिंचाई की सुविधा मिलने के बाद गेहूॅ और साग-सब्जी की खेती करने लगे है। कमला भगत ने बताया कि सिंचाई सुविधा न होने की वजह से गर्मी के दिनों में खेत पड़ती रहा करता था। समीपस्थ ग्राम गोरियाटोली के कृषक नंद किशोर भगत सौर सुजला योजना का लाभ लेकर अपने भूमि में गेहूॅ और मसूर तथा गंगाधर ने गेहूॅ और मूॅगफली की फसल उपजाई है। लावा नदी के किनारे स्थित के दर्जनों गाॅवों के कृषक अब सोलर पंप के जरिये नदी से पानी लेकर रबी की फसलें लेने लगे है।

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