शिक्षा कर्मी आंदोलन-सरकार और शिक्षा कर्मी दोनो अडिग– अन्य सामाजिक संगठनों का भी आंदोलन को समर्थन
पत्थलगांव
जितेंद्र गुप्ता द्वारा
अब शिक्षा कर्मी ने क्रमिक भूख हड़ताल के साथ ही अपने आंदोलन को और तेज करने के संकेत देकर प्रशाशन को सकते में डाल दिया है जैसे जैसे आंदोलन ज्यादा दिन होता जा रहा है वैसे ही सरकार और शिक्षा कर्मियों के बीच बेचैनी बढ़ती जा रही है जहां एक और शिक्षा कर्मी अपनी 9 मांगों के लिए अडिग होकर आंदोलन 10वे दिन भी जारी है
अब राजनीतिक संघठन के साथ ही सामाजिक संगठन भी शिक्षाकर्मियो की मांगों के समर्थन में आकर सरकार को मुश्किल में डाल दिये है विभिन्न राजनीतिक और कर्मचारी संगठनों के समर्थन के बाद अब सामाजिक संगठन भी शिक्षाकर्मियों की संविलियन सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर किए जा रहे अनिश्चितकालीन के धरना स्थल पर पहुंच कर उनकी मांगों को सही बताते हुए समर्थन कर रहे हैं।
सरकार अपनी बात पे अड़ी है उससे कोई बात बनती नही दिख रही
है जिससे स्कूलों की पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है और लगभग स्कूलों की पढ़ाई ठप्प हो चुकी है अब मुश्किल ज्यादा बढ़ता हुआ छात्र परेशान अभिभावक परेशान इस आंदोलन का सबसे महत्वपूर्ण बात यही है जिसे सरकार को सबसे ज्यादा ध्यान देकर कोई रास्ता निकालने की पहल करनी चाहिए
शिक्षक पँचायत न. नि. मोर्चा विकासखण्ड पत्थल गाँव 29/11/2017 को शिक्षक ,शिक्षिका क्रमिक भूख हड़ताल पर रहने वालों का नाम. धनुराम यादव ,विनोद साहू, हेमन्त यादव ,मुकेश यादव, ,महेश यादव,निकेत पण्डा,मुकेश पटेल सुश्री लिलिग्रेस तिर्की ,सुश्री सुमनलता एक्का ,श्रीमती दुर्गा प्रधान,श्रीमती गीता पटेल है
उल्लेखनीय है कि शिक्षाकर्मी विगत एक सप्ताह से शाला का बहिष्कार कर के अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले गए हैं. इससे पूरे विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है तथा पढ़ाई पूरी तरह से ठप है।
आज से शिक्षाकर्मियों का क्रमिक भूख हड़ताल जारी है
पत्थलगांव विकासखंड के शिक्षाकर्मियों का धरना स्थल पर पहुंच कर कुड़ुख समाज के संयोजक मंडल धरना प्रदर्शन स्थल पर समर्थन किया प्रतिनिधि मण्डल में श्री पास्कल पन्ना पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष, श्री टिकेश्वर एक्का जनपद पंचायत सदस्य, पटेल टोप्पो सरपंच पाकरगांव, सुरेन्द्र तिर्की सरपंच मुड़ापारा इसी प्रकार महाकुल समाज उदयपुर धरमजयगढ़ तथा पत्थलगांव तहसील के पदाधिकारीगण व अन्य लोंगों ने शिक्षाकर्मियों की मांगो को सही बताया तथा आवश्यकता पड़ने पर पूरा समाज शिक्षाकर्मियों के साथ खड़े होने की बात कही है।