बीते 7 वर्षों में कुपोषण दर में 15 फीसद से अधिक की कमी कलेक्टर ने ली जिला अभिसरण समिति की बैठक

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जषपुरनगर – जिले में बीते सात वर्षाें में सुपोषण अभियान को उल्लेखनीय सफलता मिली है। कुपोषण  की दर में 15.11 फीसद की कमी आई है। वर्ष 2012 में   जिले की कुपोषण दर 41.19 थी, जो घटकर अब 26.08 फीसद हो गई है। यह जानकारी आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की अध्यक्षता में आयोजित जिला अभिसरण समिति की बैठक में दी गई। यह बैठक राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आयोजित की गई थी।
कलेक्टर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कुपोषण एक सामाजिक समस्या है। इसको सभी की भागीदारी से ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए जनसमुदाय को जागृत करने, खान-पान एवं स्वच्छता पर, विशेष ध्यान देने की समझाईश देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को अपने  स्तर से कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने जशपुर जिले के मनोरा ब्लाॅक में कुपोषण की दर को अधिक होने पर इस ब्लाॅक को पोषण माह के अंतर्गत पायलेट ब्लाॅक के रूप में लेकर विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत जिले की सुदूर अंचल की कुपोषण से सर्वाधिक प्रभावित ग्राम पंचायतों को भी इसमें शािमल किया जाए। उन्होंने कहा कि कुपोषण को दूरकरने के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण जरूरी है।
बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में 14226 बच्चे मध्यम कुपोषित तथा 4716 बच्चे गंभीर कुपोषित हैं। गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी सेंटर में भर्ती कराने तथा उन्हें बेहतर पोषण आहार एवं स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए  विशेष कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में सहायक कलेक्टर श्री रवि मित्तल, अपर कलेक्टर श्री आई.एल.ठाकुर, जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मण्डावी, समस्त एसडीएम, सीएमएचओ डाॅ.पैंकरा, डीपीओ महिला बाल विकास सुश्री विस्मिता पाटले एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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