जशपुर में जनसहयोग से जारी है जल संरक्षण की मुहिम

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जशपुरनगर 28 मई 2019/रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून… की उक्ति को जशपुर जिले के लोगों ने आत्मसात कर लिया है। यही वजह है कि जिले में जन सहयोग से जशपुर को जलपुर बनाने का अभियान आज तेजी से चल पड़ा है। पानी को रोकने की मुहिम में हर कोई स्व-स्फूर्त रूप से जुट गया है। जशपुरनगर से लेकर गांव-गांव तक जल संरक्षण के लिए श्रमदान के जरिए जल स्त्रोतों की साफ-सफाई, गहरीकरण एवं नाला बंधान का कार्य अनवरत रूप से जारी है। 
           जशपुरनगर के पनचक्की डेम, तिवारी नाला एवं शहर के प्रमुख तालाबों में से एक सती तालाब की साफ-सफाई और गहरीकरण से शुरू हुआ यह अभियान धीरे-धीरे विस्तारित होते गया। परिणाम स्वरूप आज जिले के सुदूर वनांचल के गांवों में भी ग्रामीण श्रमदान के जरिए तालाबों की सफाई, गहरीकरण और वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए नालों को जगह-जगह बांधने में पूरी शिद्दत से जुट गए है। जशपुर जनपद के ग्राम जुरगुम में श्रमदान से तालाब सफाई, गम्हरिया में नाला की साफ-सफाई एवं गहरीकरण, सारूडीह में मेड़बंधान, कुनकुरी नगर के डेम की साफ-सफाई, मनोरा जनपद के ग्राम बुमतेल में नाला बंधान , रेमने एवं सुरजुला गांव में नाला में बोल्डर चेक का निर्माण, मनोरा के बहेरा बांध की साफ-सफाई, माड़ो ग्राम के अजधान नाला  को श्रमदान के जरिए बोरी से बांधा गया है। 
              इसी तरह कांसाबेल जनपद के ग्राम पोंगरो, केनाडाड़ और बटाईकेला तालाब की साफ-सफाई और गहरीकरण, फरसाबहार जनपद के ग्राम पंचायत धौरासांड के नाले और सडरू के नाले में बोल्डर चेकडेम, मेडरबहार, झारमुड़ा एवं कोरंगा में तालाब की साफ-सफाई एवं गहरीकरण का कार्य श्रमदान से किया जा चुका है। जिले के अन्य ग्रामों में भी श्रमदान से वर्षा जल के संग्रहण के लिए जलस्त्रोतों की साफ-सफाई एवं नालों को स्थानीय संसाधनों के जरिए  बांधने का काम जारी है। 
              जल संरक्षण की इस मुहिम को शासन की योजनाओं विशेषकर मनरेगा से आगे बढ़ाने की पहल शुरू कर दी गई है। वर्षा जल के संचयन और मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए सात स्टेप में संरचनाओं को निर्माण कराया जा रहा है। जशपुर नगर के समीप बेल पहाड़ के तलहटी में वर्षा जल के संचयन और मिट्टी के कटाव को रोकने  के लिए क्रमबद्ध तरीके से सात प्रकार की संरचनाओं  का निर्माण कराया गया है, जिसमें कंटूरट्रेच, कंटिन्यू कंटूरट्रेच, 30-40 मॉडल, ब्रशहुड स्ट्रक्चर, गलीपलग, बोल्डरचेक एवं ग्रेबियन शामिल है। इससे बारिश के तेजी से बहते जल को रोकने और भू-जल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मिट्टी का कटाव रूकेगा और उर्वरा क्षमता भी बढ़ेगी। जशपुर जनपद के ग्राम में भी वर्षा जल के संरक्षण के लिए मनरेगा से 30-40 मॉडल का निर्माण कराया गया है। जिले के अन्य पंचायतों में भी इसी तरह की संरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा हैं। 

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